जज साहब 'कुत्तों' का कुछ करिये..! सुप्रीम कोर्ट में उठा गली-मोहल्ले का दर्द
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जज साहब 'कुत्तों' का कुछ करिये..! सुप्रीम कोर्ट में उठा गली-मोहल्ले का दर्द

Stray Dogs: देश में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के बीच आज यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उठा. इस मसले को लेकर चर्चा कोर्ट में तब शुरू हुई, जब कुत्तों के हमले का शिकार एक वकील हाथ में पट्टी बांधकर पहुंचे और चीफ जस्टिस ने उनसे इसकी वजह पूछी.

जज साहब 'कुत्तों' का कुछ करिये..! सुप्रीम कोर्ट में उठा गली-मोहल्ले का दर्द

Stray Dogs: देश में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के बीच आज यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उठा. इस मसले को लेकर चर्चा कोर्ट में तब शुरू हुई, जब कुत्तों के हमले का शिकार एक वकील हाथ में पट्टी बांधकर पहुंचे और चीफ जस्टिस ने उनसे इसकी वजह पूछी.

कुत्तों के हमले का शिकार वकील कोर्ट पहुंचा

कुणाल चटर्जी नाम के यह वकील दरसअल  चीफ जस्टिस की कोर्ट में मौजूद थे. उन्होंने ख़ुद कोर्ट में यह मामला नहीं उठाया. लेकिन उनके हाथ में पट्टी बंधी हुई चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा कि उन्हें क्या दिक्कत हुई. इस पर कुणाल चटर्जी ने उन्हें बताया कि पड़ोस में ही पांच कुत्तों ने उन्हें घेर लिया. इसी वजह से वो पट्टी बांधे हुई है

CJI ने मदद की पेशकश की

चीफ जस्टिस ने वकील के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हें तुरंत मदद की पेशकश की. चीफ जस्टिस ने वकील से पूछा कि क्या आपको कोई मेडिकल सहायता की ज़रूरत है. अगर ऐसा है तो मैं रजिस्ट्री को इस बारे में बोल देता हूं. बेंच के दूसरे सदस्य जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने भी टिप्पणी की कि आवारा कुत्तों की समस्या वाकई एक बड़ी दिक्कत बन गई है.

SG तुषार मेहता ने गाजियाबाद के कुत्ते का मामला रखा

सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बीबी इस मसले की गंभीरता को कोर्ट के सामने रखा. उन्होंने गाजियाबाद में एक लड़के के कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद रैबीज संक्रमण का शिकार होने का मामला उठाया. मेहता ने कहा कि वाकई ये एक बड़ी दिक्कत बन गई है. 

बच्चे की गई जान

पिछले दिनों ही एक वीडियो सामने आया. एक बच्चे को कुत्ते ने काट लिया. शुरुआत में इसे गम्भीरता से नहीं लिया गया. लेकिन लड़के को जब रैबीज का संक्रमण हो गया, तो उसे हॉस्पिटल ले जाया गया. लेकिन तब तक देर बहुत हो चुकी थी, हालात इस कदर बिगड़ चुकी थी कि उसे  मना कर दिया. बच्चे को नहीं बचाया जा सका और उसने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया.

कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग

चीफ जस्टिस ने अपने अनुभव को साझा करते कहा कि दो साल पहले मेरा लॉ क्लर्क गाड़ी पार्क कर रहा था तो आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया. इसी बीच वरिष्ठ वकील विजय हंसरिया ने चीफ जस्टिस से आग्रह किया कि वो इस पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करें. अलग-अलग हाईकोर्ट के अलग-अलग फैसले के चलते भ्रम की स्थिति बनी हुई है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वो इस पर विचार करेंगे.

SC में आवारा कुत्तों का मामला पेंडिंग

गौर करने वाली बात है कि जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच आवारा कुत्तों से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रही है. इस मामले में केरल और बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाएं इस बेंच के सामने लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका केरल के कन्नूर की जिला पंचायत की ओर से भी दायर की गई है जिसमे संदिग्ध पागल’ और ‘बेहद खतरनाक’ हो चुके कुत्तों को उन्हें  बिना तकलीफ दिये मारने की मांग की गई है. ये याचिका  11 साल के दिव्यांग लड़के की कुत्तों के हमले में हुई मौत के बाद दायर की गई है.

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