Abhijit Gangopadhyay: कौन हैं जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्‍याय? जो कोर्ट-कचेहरी छोड़ अब राजनीति में रखेंगे कदम
Advertisement
trendingNow12140283

Abhijit Gangopadhyay: कौन हैं जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्‍याय? जो कोर्ट-कचेहरी छोड़ अब राजनीति में रखेंगे कदम

Who is Justice Abhijit Gangopadhyay: पश्चिम बंगाल की राजनीति में मचे घमासान के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। जानें कौन हैं अभिजीत गंगोपाध्याय. जिनके एक फैसले के बाद बंगाल की राजनीति में मच गया है भूचाल. 

Abhijit Gangopadhyay: कौन हैं जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्‍याय? जो कोर्ट-कचेहरी छोड़ अब राजनीति में रखेंगे कदम

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कोर्ट-कचेहरी dl छोड़कर अब राजनीति करने का फैंसला किया है. उनके इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से उनका विरोध किया गया है. वहीं कांग्रेस (Congress) और BJP ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता भी दिया है. रविवार (3 मार्च, 2024) को उन्होंने साफ किया कि वह पॉलिटिक्स ज्वॉइन करने के लिए कर रहे हैं. एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इसके बारे में कहा कि वो जल्द ही इस्तीफा देने वाले हैं. बातचीत में वह बोले- सूबे में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं की ओर से मुझे कई बार चुनौती दी गई कि मैं सियासी मैदान में आऊं, इसलिए मैंने सोचा कि क्यों नहीं ऐसा ही किया जाए. 

5 मार्च को अभिजीत गंगोपाध्याय दे सकते हैं इस्‍तीफा

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय राजनीति में आने के लिए मंगलवार (5 मार्च, 2024) को पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने बताया, "मैं मंगलवार को न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने की योजना बना रहा हूं." उन्होंने इस दौरान टीएमसी को धन्‍यवाद भी द‍िया, जो क‍ि उनके राजनीतिक क्षेत्र में जाने के ल‍िए उन्हें बार-बार चुनौती देती रही है. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के इस बयान के बाद बंगाल में उनके नाम की चर्चा तेज होने लगी. 

कौन हैं जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय?

यह पहला मौका नहीं है जब जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) सुर्खियों में हैं. पहले भी कई मौकों पर चर्चा में रहे हैं. जस्टिस गंगोपाध्याय की कलकत्ता हाईकोर्ट में 2 मई 2018 को बतौर जज नियुक्ति हुई और 30 जुलाई 2020 को परमानेंट जज नियुक्त हुए. गंगोपाध्याय ने हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की है. उन्होंने West Bengal Civil Service के अफसर के तौर पर करियर शुरू किया था. बाद में नौकरी छोड़ कलकत्ता हाईकोर्ट में बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस करने लगे. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के पिता भी जाने-माने वकील रहे हैं. उनकी थियेटर में खासी रुचि है और मशहूर थियेटर ग्रुप ‘अमित्रा चंदा’ (Amitra Chanda) के सदस्य भी रहे हैं.

अगले 5 माह में होंगे हाईकोर्ट से र‍िटायर

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय 2018 में कलकत्ता हाईकोर्ट से जुड़े थे. अगले 5 माह में यानी अगस्त 2024 में वह सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इस साल जनवरी में जस्टिस गंगोपाध्याय का हाईकोर्ट के साथी न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति सौमेन सेन के साथ न्‍यायिक व‍िवाद खड़ा हो गया था जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था. दो जजों के बीच टकराव पश्चिम बंगाल में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के दौरान कथित जाति प्रमाण पत्र घोटाले और अनियमितताओं की सीबीआई जांच पर रोक लगाने के मामले पर पैदा हुआ था.  

श‍िक्षक भर्ती घोटाले मामले पर दे चुके हैं इंटरव्‍यू 

पश्‍च‍िम बंगाल के बहुचर्चित श‍िक्षक भर्ती घोटाले मामले पर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की भूमिका पर एक स्थानीय बंगाली टीवी चैनल को द‍िए गए इंटरव्‍यू से भी उनको लेकर व‍िवाद पैदा हुआ था. इस पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी कड़ी ट‍िप्‍पणी की गई थी और मौजूदा न्यायाधीशों को टीवी चैनलों को इंटरव्‍यू देने का कोई अधिकार नहीं होने की बात कही थी. 

इन वजहों से भी रहे सुर्खियों में

जस्‍ट‍िस अभिजीत गंगोपाध्याय अपने आदेशों को लेकर सुर्ख‍ियों में रहे हैं. हाल‍िया व‍िवाद 'जज बनाम जज' खूब सुर्ख‍ियों में रहा ज‍िसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट को 'स्‍पेशल सीट‍िंग' बुलानी पड़ी थी. प‍िछले 9 माह में सुप्रीम कोर्ट को उनके अलग-अलग आदेशों पर दो सीट‍िंग बुलानी पड़ी थीं, जबकि 250 अधिवक्ताओं की ओर से मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम को पत्र लिखे जाने के बाद न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कोर्ट रूम में महाधिवक्ता किशोर दत्त से बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी, वो भी काफी सुर्ख‍ियों में रहा था. 

CBI जांच का आदेश देकर बटोरी थीं सुर्खियां

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 2022 की शुरुआत में बंगाल के कथित टीचर भर्ती घोटाले और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के मामले में में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इस मामले में पहली हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी टीएमसी नेता और तत्कालीन मंत्री पार्था चटर्जी की हुई थी. चटर्जी के घर से बड़े पैमाने पर कैश बरामद हुआ था और कहा गया कि उनकी 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की चल और अचल संपत्तियां हैं. चटर्जी की गिरफ्तारी के ठीक बाद पश्चिम बंगाल के एजुकेशन डिपार्टमेंट के कई अफसरों की गिरफ्तारी हुई.

BJP में शामिल होकर लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव

मीडिया रिपोर्ट की माने तो न्यायाधीश गंगोपाध्याय के सात मार्च को भाजपा में शामिल होने की संभावना है. उन्‍हें पूर्व मेदिनीपुर के तमलुक से लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है.

Trending news