Embryo Transfer: गुजरात में पहली घटना.. कांकरेज गाय ने दिया जुड़वां बछड़ों को जन्म, सफल हुआ प्रयोग
Advertisement
trendingNow12469262

Embryo Transfer: गुजरात में पहली घटना.. कांकरेज गाय ने दिया जुड़वां बछड़ों को जन्म, सफल हुआ प्रयोग

Embryo transfer: भ्रूण स्थानांतरण में गुजरात को ऐतिहासिक सफलता मिली है, सरहद डेयरी द्वारा भ्रूण स्थानांतरण में जुड़वां बछड़े का अवतरण गुजरात में ये पहली घटना है. सरहद डेयरी ने अब तक 81 गायों में भ्रूण स्थानांतरण Embryo transfer किया है. जिससे 10 बछड़े पैदा हुए.

Embryo Transfer: गुजरात में पहली घटना.. कांकरेज गाय ने दिया जुड़वां बछड़ों को जन्म, सफल हुआ प्रयोग

राजेंद्र ठक्कर, कच्छ
गुजरात की श्वेत क्रांति में जबरदस्त तेजी आ सकती है. सरहद डेयरी द्वारा मांडवी तालुका के गोधरा मिल्क सोसायटी के एक सभासाद विरजी करशन वरसानी की गाय में भ्रूण स्थानांतरण ईटी का प्रयोग किया गया था. आज इस वैज्ञानिक प्रक्रिया सफल हुई है और दो स्वस्थ बछड़े पैदा हुए हैं. बछड़े स्वस्थ हैं और एक बछड़े का वजन 18 किलोग्राम और दूसरे का 20 किलोग्राम है. 

प्रौद्योगिकी पायलट प्रोजेक्ट

सरहद डेयरी के अध्यक्ष वालमजी हुंबल के नेतृत्व में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से सरहद डेयरी ने गायो की प्रजनन क्षमता में सुधार और अधिक दूध उत्पादन दे सके ऐसे बछड़े पेदा हो इसके लिये एनडीडीबी के सहयोग से कच्छ में भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी पायलट प्रोजेक्ट चला रही है . ईसके तहत गायों में भ्रूण प्रत्यारोपण किया जा रहा है. सरहद डेयरी द्वारा अब तक 81 गायों में भ्रूण स्थानांतरण ईटी किया जा चुका है. जिससे 10 बछड़े पैदा हुए हैं.

 पूरे गुजरात राज्य में भ्रूण स्थानांतरण

अमूल फेडरेशन के उपाध्यक्ष और सरहद डेयरी के अध्यक्ष वालमजी हूंबल ने बताया ही के पूरे गुजरात राज्य में भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी (ईटी) लागू होने के बाद से एक ही गाय (कांकरेज गाय) से दो बछड़ों के जन्म का यह पहला मामला है. यह घटना गुजरात राज्य में पहली और पूरे देश में तीसरी घटना है. सरहद डेयरी के प्रयासों से पशुपालक ऐसे खुश हो गए जैसे उन्हें दिवाली बोनस मिल गया हो.  ईटी प्रौद्योगिकी के उपयोग से गुजरात में प्रेरणादायक परिणाम मिल रहे हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि गाय एक दिन में 7 से 8 लीटर दूध देती है. भ्रूण स्थानांतरण तकनीक से जन्मी बछियाएं करीब ढाई साल बाद जब दूध देगी तो एक दिन में 25 से 30 लीटर दूध देंगी. ईटी गिर, कांकेरेज और जर्शी गायों में हो सकता है . ये प्रयोग गुजरात की श्वेत क्रांति में आमूळ परिवर्तन ला सकता है.

Trending news