सोना-चांदी जवाहरात.. 46 साल बाद खोला गया जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, 'खजाने' का आखिर क्या होगा?
Advertisement
trendingNow12336016

सोना-चांदी जवाहरात.. 46 साल बाद खोला गया जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, 'खजाने' का आखिर क्या होगा?

Puri Temple: जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के दरवाज़ों को 46 साल बाद आखिरकार खोल दिया गया. इस दौरान मंदिर के बाहर और अंदर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे. वहीं प्रतिनिधि मंडल के 11 लोग भी मौजूद रहे. साथ ही पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई.

सोना-चांदी जवाहरात.. 46 साल बाद खोला गया जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, 'खजाने' का आखिर क्या होगा?

Jagannath Temple: आखिरकार 46 साल बाद ओडिशा के पुरी में मौजूद जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के दरवाज़ों को खोल दिया गया. इस दौरान सरकार के प्रतिनिधि, ASI के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि समेत 11 लोग मौजूद रहे. इससे पहले 1978 में रत्न भंडार के दरवाज़े खोले गए थे. दोपहर करीब डेढ़ बजे पहला दरवाज़ा खोला गया था. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जा रही है. वहीं मंदिर के बाहर RAF के जवान भी तैनात किए गए.

एक तरफ मंदिर के रत्न भंडार का दरवाज़ा खोला गया तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर के बाहर और अंदर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतज़ाम किए गए. वहीं रत्न भंडार के दरवाज़े खुलने पर श्री जगन्नाथ मंदिर के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर अरबिंद कुमार ने पूरी कार्रवाई नियमों के तहत होने का दावा किया.

सोने-चांदी के जेवर और बर्तन

इस बीच लकड़ी के बने बड़े-बड़े बक्सों को रत्न भंडार के लिए लाया गया. बताया गया कि इन्हीं बक्सों में सोने-चांदी के जेवर और बर्तन रखे जाएंगे. वहीं श्री जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ने रत्न भंडार में खजाने की सही जानकारी होने की बात से इनकार किया. जगन्नाथ मंदिर के खजाने को खोलने की मांग काफी लंबे समय से चल रही थी लेकिन पिछली सरकार में ऐसा नहीं हो पाया. वहीं ये मांग करने वाले प्रियदर्शन पटनायक ने रत्न भंडार के दरवाज़े खुलने पर खुशी जताई.

जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार खुलने पर ओडिशा की डिप्टी सीएम प्रवति परिदा ने कहा कि इसे पहले की सरकार ने एक रहस्य बना कर रखा था. जिसे खोलने की मांग काफी लंबे समय से हो रही थी जो आज पूरी हुई. बताया जा रहा है कि रत्न भंडार से खजाने को निकालकर उसकी साफ-सफाई और उन्हें ठीक करने का काम होगा, साथ ही खज़ाने में क्या-क्या मिला उसकी पूरी लिस्ट भी तैयार की जाएगी.

कौन-कौन रहे मौजूद?

  • जस्टिस विश्वनाथ रथ

  • CBK मोहंती

  • गजपति महाराज के प्रतिनिधि

  • पुरी के कलेक्टर

  • ASI का प्रतिनिधि

  • आभूषण के 2 सेवक

कब-कब खुला 'रत्न भंडार'

  • पहली बार 1905

  • दूसरी बार 1926

  • तीसरी बार 1978

रत्न भंडार में तीन कक्ष है...

भीतरी कक्ष में 

  • 50 किलो 600 ग्राम सोना

  • 134 किलो 50 ग्राम चांदी के आभूषण

बाहरी कक्ष

  • 95 किलो 320 ग्राम सोना

  • 19 किलो 480 ग्राम चांदी 

वर्तमान कक्ष

  • 3 किलो 480 ग्राम सोना

  • 30 किलो 350 ग्राम चांदी 

आभूषणों की गिनती की जाएगी

46 साल बाद...रत्न भंडार के 'रहस्य' से पर्दा उठ रहा है. बताया जा रहा है कि रत्न भंडार के सभी दरवाजों को खोलकर आभूषणों की गिनती की जाएगी. खजाने के वजन और गुणवत्ता की जांच होगी. 2 जगहों में रखे जाएंगे मंदिर के आभूषण. डिजिटल डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा. रत्न भंडार खोलने से पहले भगवान लोकनाथ की अनुमति ली गई. लोकनाथ रत्न भंडार के रक्षक माने जाते हैं. इस दौरान पुरी के कलेक्टर मौजूद रहे. जस्टिस विश्वनाथ रथ और CBK मोहंती मौजूद. गजपति महाराज के प्रतिनिधि भी मौजूद. ASI का एक प्रतिनिधि भी शामिल. आभूषण के 2 सेवक भी मौजूद 

तहखाने में कौन-कौन से रत्न हो सकते हैं    

  • 1978 में 70 दिनों में बनी खजाने की लिस्ट

  • 13 मई से 23 जुलाई 1978 तक चला काम

  • खजाने के एक-एक चीज की लिस्टिंग हुई

  • दोनों भंडार कक्ष में काफी संख्या में जेवर मिले

  • भीतरी भंडार कक्ष में 367 सोने के गहने मिले

  • 231 चांदी के सामान मिले

  • बाहरी भंडार कक्ष में 87 सोने के गहने मिले

  • 62 चांदी के सामान मिले

इनपुट- शिवांगी ठाकुर, ज़ी मीडिया, पुरी, ओडिशा

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news