DNA Analysis: दिल्ली से गोवा की हवाई यात्रा आमतौर पर 2 से ढाई घंटे में पूरी हो जाती है. लेकिन indigo की एक फ्लाइट से यात्रियों को दिल्ली से गोवा पहुंचने में 12-13 घंटे लग गए. घना कोहरा इसकी एक बड़ी वजह है, इसके अलावा पायलट की शिफ्ट का बदलना भी एक बड़ी वजह रही.
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DNA Analysis: दिल्ली से गोवा की हवाई यात्रा आमतौर पर 2 से ढाई घंटे में पूरी हो जाती है. लेकिन indigo की एक फ्लाइट से यात्रियों को दिल्ली से गोवा पहुंचने में 12-13 घंटे लग गए. घना कोहरा इसकी एक बड़ी वजह है, इसके अलावा पायलट की शिफ्ट का बदलना भी एक बड़ी वजह रही. यात्री घंटों तक विमान के अंदर कैद रहे और यात्रियों को ही उड़ान में देरी का दोषी बताया गया. इस बात को सुनकर एक यात्री भड़क गया और उसने Co-pilot को थप्पड़ जड़ दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, इस वीडियो को लेकर बहुत सारी बातें कही जा रही है.
इंडिगो में पैसेंजर ने मारा पायलट को चांटा
सहनशीलता... किसी व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण होता है. कई महान व्यक्तियों ने ये बात कही है. लेकिन ऐसा कई बार होता है जब सहनशीलता की परीक्षा ली जाती है, और इस परीक्षा में लोग फेल भी हो जाते हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर एक यात्री, सहनशीलता की इस परीक्षा में फेल हो गया. सोशल मीडिया पर इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. ये वीडियो Indigo Airline के एक Plane के अंदर का है. इस Flight के Co-pilot को एक यात्री ने थप्पड़ मार दिया.
वायरल हो रहा वीडियो
ये घटना इंडिगो एयरलाइन की दिल्ली से गोवा जाने वाली फ्लाइट में हुई है. इस वीडियो में नजर आ रहा है कि FLIGHT के Co-pilot यात्रियों को देरी से उड़ान भरने के मामले पर कुछ बता रहे हैं, लेकिन तभी पीले रंग की जैकेट पहने हुए एक यात्री गुस्से में उनकी तरफ आता है और उन्हें एक थप्पड़ मार देता है. अचानक हुई इस घटना से Co-pilot और Cabin Crew डर जाता है. Air Hostess इस यात्री को शांत करने की कोशिश करती है. इस बीच दूसरे यात्री भी आरोपी यात्री को शांत करते हैं.
हर पहलू को जानना जरूरी
वीडियो देखकर पहली नजर में ऐसा ही लग रहा है कि यात्री अचानक उठा और उसने मारपीट शुरू कर दी. लेकिन इस घटना के हर पहलू को जानना जरूरी है. जिस Flight में ये वारदात हुई, उसे दिल्ली से गोवा के लिए सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर उड़ान भरनी थी. दिल्ली से गोवा जाने वाले सारे यात्री Flight में बैठ चुके थे और Flight को उड़ान भरने से पहले Runway तक जाना था. जिस वक्त Flight को उड़ान भरनी थी उस वक्त काफी कोहरा था, जिसकी वजह से Flight ने उड़ान नहीं भरी. इस बीच कई घंटे बीत गए और फ्लाइट उड़ान नहीं भर पाई, सारे यात्री Flight में ही फंसे रहे. Plane का Crew बार-बार यात्रियों को उड़ान में देरी की खबर देता रहा. इस दौरान उड़ान में कुछ देरी पायलट की शिफ्ट बदलने की वजह से भी हुई. शिफ्ट का ये बदलाव Flight Duty Time Limitation नियम के तहत हुआ. इस नियम के मुताबिक एक तय वक्त के बाद पायलट्स को Flight उड़ाने की इजाजत नहीं होती. इस फ्लाइट की उड़ान में करीब 13 घंटे की देरी हो गई थी. और यात्री इस फ्लाइट में ही फंसे हुए थे. फ्लाइट्स पर नजर रखने वाली संस्था Flight Aware के मुताबिक इंडिगो का ये विमान शाम करीब साढ़े 5 बजे उड़ान भर पाया. वो गोवा के Dabolim Airport पर रात करीब 8 बजे पहुंचा.
आरोपी यात्री को पुलिस ने किया गिरफ्तार
दिल्ली से गोवा की यात्रा करीब 145 मिनट यानी करीब ढाई घंटे में पूरी हो जाती है. 12 घंटे से ज्यादा समय तक एक Flight में कैदी बनकर बैठे रहने की वजह से ही पीली जैकेट वाले यात्री को गुस्सा आ गया. जैसे ही Co-pilot यात्रियों को कुछ बताने के लिए आया, वैसे ही इस यात्री का गुस्सा फूट पड़ा. हालांकि हाथापाई की वजह से अन्य यात्रियों ने भी इस घटना का विरोध किया है. जिसके बाद थप्पड़ मारने वाले यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया गया है. आरोपी यात्री फिलहाल दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है. इस घटना का वीडियो रूस की एक कलाकार एवजीनिया बेल्स्किया (Evgenia Belskaia) ने अपलोड किया है. ये उसी फ्लाइट में थीं, जिसमे ये घटना हुई थी.
Co-pilot ने दिखाया तेवर
इस विमान में बैठीं एवजीनिया ने ये भी बताया है कि आरोपी यात्री को गुस्सा क्यों आया. उसने बताया कि Flight की देरी के लिए Co-pilot बार-बार यात्रियों को ही दोष दे रहा था. जबकि यात्री तो कई घंटों से अपनी सीट पर बैठे हुए थे, और थोड़ी थोड़ी देर बाद, उड़ान में देरी की खबर उन्हें दी जा रही थी. जब यात्रियों ने उड़ान में हो रही देरी पर सवाल करने शुरू किए तो Co-pilot ने तेवर दिखाते हुए, उड़ान में देरी का दोष विमान में बैठे यात्रियों को ही देना शुरू कर दिया. इसी बात पर पीले जैकेट वाला यात्री गुस्से में आ गया.
कोहरे की वजह से कई फ्लाइट्स कैंसिल
किसी Plane में घंटों तक भूखे प्यासे बैठे रहना भी आसान नहीं है. आरोपी यात्री का हाथापाई करना पूरी तरह से गलत है, लेकिन जिस वजह से ये नौबत हाथापाई तक पहुंची, उस पर भी चर्चा जरूरी है. घने कोहरे की वजह से पिछले कुछ दिनों में कई फ्लाइट्स को रद्द किया जा चुका है, और सैकड़ों फ्लाइट्स देरी से चल रही हैं. उड़ानों पर नजर रखने वाली प्राइवेट संस्था FLIGHT RADAR के मुताबिक IGI से आज 65 उड़ानें रद्द की गई हैं. 213 FLIGHTS देरी से उड़ान भर पाई हैं. देरी से उड़ान भरने का औसत समय 50 मिनट है. यानी देरी से उड़ने वाली हर Flight करीब 50 मिनट की देरी उड़ रही है. रविवार को भी करीब 42 Flights रद्द हुई थीं और 414 उड़ानें देरी से उड़ान भर पाईं थीं.
मौसम पर किसी का नियंत्रण नहीं
मौसम पर किसी का नियंत्रण नहीं है. खराब मौसम की वजह से उड़ानों पर असर पड़ेगा, तो इसमें पालयट या एयरलाइन कुछ नहीं कर सकते हैं. लेकिन क्या यात्रियों को ऐसे ही एयरपोर्ट पर 10 घंटे और फ्लाइट में 2 घंटे यानि करीब 12 घंटे तक बैठाया रखा जाएगा? घने कोहरे की वजह से होने वाली देरी को देखते हुए क्या विमान में बैठे यात्रियों को दोबारा एयरपोर्ट पर नहीं रहने देने चाहिए था? क्या ऐसा नहीं हो सकता है कि यात्रियों को विमान में बैठाए रखने के बजाए, उन्हें एयरपोर्ट पर ही रहने दें, या फिर उनके लिए अलग समय पर उड़ने वाले विमान की व्यवस्था की जाए?
यात्रियों का गुस्सा जायज़
यात्रियों का गुस्सा जायज़ है. विमान में काम करने वाले Crew Members के लिए विमान में मौजूद रहना, उनकी नौकरी का एक हिस्सा है, जिसे वो पूरी ईमानदारी से निभाते हैं. लेकिन उन्हें ये भी समझना चाहिए कि इस विमान में यात्रा करने के मकसद से आए यात्री, कुछ घंटों की यात्रा के मकसद से आए थे. उन्हें एक विमान में बैठाए रखना फिर घंटों तक उन्हें देरी होने की जानकारी देते रहना और बाद में देरी का दोष, उन पर भी मढ़ देना, कहां की समझदारी है? क्या इस तरह के मामलों में एयरलाइन की कोई जिम्मेदारी नहीं है.
यात्रियों के अधिकार और एयरलाइन्स के लिए बनाए गए नियम
अब हम आपको विमान यात्रा करने वाले यात्रियों के अधिकार और एयरलाइन्स के लिए बनाए गए कुछ नियमों की जानकारी देने जा रहे हैं.
- जब किसी Flight का BLOCK TIME यानी उड़ान भरकर मंजिल तक पहुंचने का समय ढाई घंटे का होता है. और इस तरह की फ्लाइट 2 घंटे से ज्यादा लेट हो जाती है, तब सभी यात्रियों को खाना और पानी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी एयरलाइन की होती है. INDIGO के यात्रियों को ये सुविधा मिली थी या नहीं ये जांच का विषय है.
- Directorate General of Civil Aviation यानी DGCA की Guidelines में ये भी है कि अगर देरी किसी ऐसी वजह से हुई हो, जिसपर एयरलाइन का नियंत्रण नहीं है, जैसे तूफान, तेज़ बारिश या घना कोहरा, ऐसी स्थिति में ये नियम लागू नहीं होते हैं. यहां पर पायलट के शिफ्ट चेंज में लगने वाला समय नहीं जोड़ा जा सकता है.
- अगर कोई Flight 24 घंटे से ज्यादा देरी से उड़ान भरती है, तो उस स्थिति में यात्रियों के होटल में रुकने की व्यवस्था और ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध करवाना एयरलाइन की जिम्मेदारी है.
- इसी तरह से अगर फ्लाइट के उड़ने का समय रात 8 बजे से सुबह 3 बजे के बीच में है, और फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट हो चुकी है, तो इस स्थिति में भी यात्रियों के होटल में रुकने की व्यवस्था और ट्रांसपोर्ट की सुविधा एयरलाइन कंपनी को ही उपलब्ध करवानी होती है.
..यात्री भी इस बात को समझते हैं
घना कोहरा हो, तेज बारिश या फिर तूफान, प्राकृतिक कारणों से उड़ानों में देरी होना कोई नई बात नहीं है. यात्री भी इस बात को समझते हैं. लेकिन कोहरे की वजह से उड़ानों में हो रही देरी को तकनीक की मदद से कम किया जा सकता है. घने कोहरे के समय, जब Visibility zero ना हो, तब ऐसे मौसम में Category-3 यानी CAT-3 क्षमता वाले Runway, विमान और CAT-3 मापदंडों पर Trained पायलट, विमान को Take off या Land करवा सकते हैं. जहां तक दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बात है तो..
-दिल्ली एयरपोर्ट पर इस वक्त 3 Runway चालू हैं.
-इनमें से केवल 1 Runway ही CAT-3 मापदंडों पर खरा उतरता है.
-CAT-3 Runway, ऐसे Runway को कहा जाता है, जिसपर बहुत कम Visibility में भी विमान को Take-off या Land करवाया जा सकता है.
-यही नहीं कम Visibility के लिए तैयार किए जाने वाले CAT-3 Runway पर कोहरे की स्थिति में CAT-3 Trained pilot ही Take off या Land करवा सकते हैं.
-कोहरे की स्थिति में CAT-3 Runway पर उतरने या उड़ाने भरने वाला विमान भी CAT-3 क्षमता वाला ही होना चाहिए.
-घने कोहरे की स्थिति में दिल्ली एयरपोर्ट के दो Runway लगभग बेकार साबित हो जाते हैं. एक CAT-3 Runway ही बचता है. लेकिन मुश्किल ये आती है कि घना कोहरा होने पर यहां पर वही विमान Land या Take Off कर सकता है, जो CAT-3 क्षमता वाला हो और उसका पायलट भी CAT-3 मापदंडों पर प्रशिक्षित हो.
-Visibility Zero होने पर CAT-3 Runway को भी बंद कर दिया जाता है. जिसकी वजह से एयरपोर्ट से सारी Flights बंद हो जाती हैं.
-दिल्ली एयरपोर्ट पर एक चौथा Runway लगभग तैयार हो चुका है. ये चौथा Runway भी CAT-3 क्षमता वाला है. इसके शुरू होने के बाद से घने कोहरे में इसका इस्तेमाल भी किया जा सकेगा.
..अच्छा व्यवहार करना चाहिए
एक बात यहां एयरलाइन कंपनियों को भी समझनी चाहिए कि यात्रा के लिए हजारों रुपये खर्च करके आने वाला यात्री, अपने समय की बचत की वजह से भी, हवाई यात्रा चुनते हैं. उसमें भी अगर प्राकृतिक कारणों की वजह से उड़ान में देरी हो रही है, तो उसके लिए उन्हें यात्रियों के साथ संपर्क बनाए रखकर, अच्छा व्यवहार करना चाहिए. यात्री अगर अपनी 2 घंटे की यात्रा के लिए 12 घंटे एयरपोर्ट या विमान में ही बिताने लगेंगे, तो यात्रा का मतलब खत्म हो जाता है. हो सकता है कि INDIGO की इस Flight के लिए घना कोहरा एक वजह हो, लेकिन विमान में देरी का एक कारण शिफ्ट चेंज भी है, इसकी वजह से भी उड़ान में देरी हुई, कोहरे के मुद्दे को अगर हटा दिया जाए, तो क्या पायलट के बदलने में लगने वाले समय के लिए एयरलाइन कंपनी दोषी नहीं है?
जाना था गुवाहाटी पहुंच गए ढाका
दिल्ली-गोवा की फ्लाइट ही नहीं, 13 जनवरी को मुंबई से गुवाहाटी जाने वाली INDIGO की ही एक Flight में इसी तरह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. वो निकले तो मुंबई से गुवाहाटी के लिए थे, लेकिन कुछ देर में वो बांग्लादेश के ढाका पहुंच गए, वो भी बिना पासपोर्ट. 13 जनवरी को मुंबई से गुवाहाटी के लिए INDIGO का एक विमान खराब मौसम की वजह से गुवाहाटी में Land नहीं कर पाया. इस विमान को पहले कोलकाता, उसके बाद भुवनेश्वर में उतारने की कोशिश हुई, लेकिन अलग-अलग कारणों से यहां भी इसे उतारा नहीं जा सका. इसके बाद इस विमान को बांग्लादेश की राजधानी ढाका ले जाया गया. ढाका में यात्रियों को कई घंटों तक विमान में ही बैठाए रखा गया. Indigo ने अपने Crew की शिफ्ट भी बदली. इसमें काफी समय लगा. मुंबई से गुवाहाटी के लिए निकले यात्री, ढाका में कई घंटे तक विमान के अंदर ही फंसे रहे.
एयरोब्रिज में फंसी थीं राधिका आप्टे
Flight Radar के मुताबिक Indigo के इस विमान ने भी 3 घंटे देरी से उड़ान भरी थी. और करीब 9 घंटे तक यात्री विमान में ही फंसे रहे. अभी कुछ दिन पहले INDIGO एयरलाइन की व्यवस्था को लेकर एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने भी एक पोस्ट डाली थी. 13 जनवरी को ही एक्ट्रेस राधिका आप्टे भी इसी तरह की एक घटना में फंस गई थीं. इसमें केवल इतना ही बदलाव था कि राधिका आप्टे अपनी दोस्त के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर एयरोब्रिज पर फंस गई थीं. एयरोब्रिज वो रास्ता होता है, जिसमें बोर्डिंग के बाद विमान में बैठने के लिए यात्री एक सुरंग जैसी गैलरी में घुसता है, इसका एक सिरा एयरपोर्ट पर और दूसरा सिरा विमान के दरवाजे तक जाता है.
एयरलाइन और एयरपोर्ट की व्यवस्था में चूक
यहां भी उनका विमान INDIGO का ही था. हुआ ये था कि एयरब्रिज के एयरपोर्ट वाले सिरे को बंद कर दिया गया था और दूसरे सिरे पर विमान लाया नहीं गया था. यानी यात्री एयरोब्रिज के बीच में घंटों तक फंसे रहे. राधिका आप्टे ने इससे जुड़ा वीडियो भी अपने इंस्टाग्राम पर डाला हुआ है. राधिका आप्टे के मुताबिक INDIGO के स्टाफ को भी कोई जानकारी नहीं थी. राधिका ने अपनी पोस्ट में बताया कि एयरोब्रिज के अंदर बिना खाना और पानी के घंटों तक बुजुर्ग और बच्चे भी फंसे रहे. अब इस तरह की घटनाओं को भी क्या यात्रियों की गलती या फिर घना कोहरा बताया जाएगा? एयरलाइन कंपनियां, यात्रियों की सुविधाओं को लेकर नई व्यवस्थाओं पर काम नहीं कर रही हैं. एयरोब्रिज पर फंसने वाली घटना पूरी तरह से एयरलाइन और एयरपोर्ट की व्यवस्था में हुई चूक का बड़ा उदाहरण है. इसी तरह से Flight को ढाका लेकर जाकर, यात्रियों को घंटों तक वहां बैठाए रखना, indigo की खराब व्यवस्था के अलावा और कुछ नहीं है.