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Indian security forces major counter terrorism operations: भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है और इस मौके पर Zee News अपने पाठकों के लिए एक स्पेशल सीरीज 'शौर्य' लेकर आया है. इसमें आप देश के असली हीरोज और देश के सुरक्षाबलों के पराक्रम की कहानी पढ़ेंगे. साथ ही ऐसी गौरव गाथाओं के बारे में जानेंगे जिनमें देश के जवानों ने तिरंगे की शान के लिए अपनी ताकत का लोहा मनवाया था. आज हम आपको भारत के उस ब्रह्मास्त्र के बारे में बताएंगे जब दुश्मन की ललकार पर देश ने पलटवार किया. साथ ही स्पेशल ऑपरेशन चलाकर सीमा पार और सीमा के भीतर देशविरोधी ताकतों का नामो-निशान मिटा दिया. फिर चाहे वह ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक, जब-जब दुश्मन ने देश की संप्रभुता को चुनौती देनी की कोशिश की तब-तब शांति की राह पर चलने वाले भारत ने मुंहतोड़ जवाब देने का काम किया है.
ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम
साल 1965 का दौर था और देश की आजादी को कुछ साल ही बीते थे, तब सेना ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था जिसे ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम (Operation Grand Slam) नाम दिया गया था. पाकिस्तान की हरकतों से तंग आकर एयफोर्स को हवाई हमले करने का आदेश मिला था और तब एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह ने सरकार के आदेश पर महज एक घंटे के भीतर वायुसेना की टुकड़ी को तैयार किया और पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे. भारत की आजादी के बाद 1947 में हुई पाकिस्तान के खिलाफ जंग के बाद यह पहला मौका था, जब इस तरह भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर जवाबी हमला किया था. दरअसल, पाकिस्तान ने सीमा उल्लंघन करते हुए अपनी सेना भारत के अखनूर इलाके में भेज दी थी जिसके बाद एयरफोर्स ने हवाई हमले कर पाकिस्तान के 70 से ज्यादा एयरक्राफ्ट तबाह कर दिए थे, इस ऑपरेशन में भारत को भी नुकसान पहुंचा और एयरफोर्स ने अपने 35 एयरक्राफ्ट गंवा दिए थे.
एयरफोर्स का बड़ा मिशन
बात साल 1971 की है जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग का ऐलान हो चुका है. पूर्वी पाकिस्तान यानी अब के बांग्लादेश पर पाकिस्तान ने हमला कर दिया था और वहां आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था. दिसंबर 1971 में पाकिस्तान की वायुसेना ने इंडियन एयरफोर्स के 12 स्टेशनों को निशाना बनाया था और इसके जवाब में भारत के जांबाजों ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी. तत्कालानी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. दरअसल पाकिस्तान ने पहले भारत के 100 से ज्यादा जवानों को घेर लिया था और फिर एयरफोर्स की मदद की दुश्मनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की गई थी. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 200 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे और मेजर कुलदीप सिंह चांदपूरी इस जंग के हीरो रहे थे जिन्होंने पूरी रात दुश्मन की फौज का डटकर मुकाबला किया और सुबह एयफोर्स के ऑपरेशन तक अपने साथियों पर आंच तक नहीं आने दी थी.
म्यांमार में एंटी टेरर ऑपरेशन
साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के ठीक एक साल बाद भारत ने म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. दरअसल मणिपुर में जून 2015 में आतंकी हमले हुए थे और करीब 18 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत के 21 पैरा के कमांडो ने 4 जून 2015 को म्यांमार में घुसकर आतंकी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) के कई आतंकियों को ढेर किया और उनके ठिकाने तबाह किए थे. तब 21 पैरा कमंडो टीम थर्ड कॉर्प्स के अंडर आती थी और दिवंगत सीडीएस इसके कमांडर हुआ करते थे. भारत की एयरफोर्स ने हाल के दिनों में पहली बार सीमा पार करके किसी ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था और आतंकी अड्डों को निशाना बनाया था.
पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक
इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सबसे सफल एंटी टेरर ऑपरेशन किया और 18 सितंबर 2016 में हुए उरी हमले हमले का बदला लिया. उरी सेक्टर में आतंकियों ने सेना के कैंप पर हमला किया था जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे. आतंकियों की कायराना हरकत के बाद पूरे देश में गुस्सा था और हर कोई पाकिस्तान से बदला लेना चाहता था. इसके बाद सेना ने 29 सितंबर 2016 की रात को PoK में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. भारत ने इसे सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया था और इसका मकसद सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था जिन्होंने उरी में जवानों पर हमले की नापाक हरकत को अंजाम दिया था. इस कार्रवाई को बयान करने के लिए साल 2019 में 'उरी द सर्जिकल स्ट्राइक' के नाम से एक फिल्म भी आ चुकी है जिसमें विकी कौशल मुख्य भूमिका में थे.
सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने से पहले सुरक्षाबलों ने पीओके के लॉन्चिंग पैड्स की रेकी की और उनकी सटीक लोकेशन का पता लगाया था. इसके बाद केल, भिंबर लीपा इलाकों में आतंकियों के लॉन्च पैंड को निशाना बनाकर सैन्य कार्रवाई की गई थी. इस सैन्य ऑपरेशन में 38 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया था. भारतीय जवानों ने M-4 राइफलों, ग्रेनेड, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, स्मोक ग्रेनेड समेत नाइट विजन डिवाइसेज से लैस होकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था. रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक भारत के जांबजों ने पाकिस्तान में इस सफल कार्रवाई को पूरा किया था.
बालाकोट एयरस्ट्राइक
पाकिस्तान इसके बाद भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया और उसने 14 फरवरी 2019 को आतंकियों की मदद से पुलवामा में हमले को अंजाम दिया. इस हमले में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे. इसके ठीक 12 दिन बाद 26 फरवरी को एयरफोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का खात्मा किया था. भारत के विमानों ने आतंकी ठिकानों पर भारी तादाद में बम बरसाए थे और सरकार के मुताबिक करीब 300 आतंकियों को मार गिराया था.
भारत की सैन्य कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने अगले दिन यानी 27 फरवरी को F-16 विमानों से जवाबी कार्रवाई की कोशिश की लेकिन भारतीय जेट मिराज के आगे उनकी एक न चली. भारत की सीमा में घुसने की कोशिश के दौरान एयरफोर्स ने पाकिस्तानी विमानों को वापस खदेड़ दिया. पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन के दौरान एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पीओके में पहुंच गए थे जहां उनका विमान हादसे का शिकार हो गया. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था लेकिन भारत के दबाव में आखिर में एक मार्च को अभिनंदन की सुरक्षित स्वदेश वापसी हो सकी थी.
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