Jammu Kashmir: जंगलों में छिपकर अब बच नहीं पाएंगे आतंकी, सेना JK में करने जा रही ड्रोन की तैनाती; देखते ही कर देगी खात्मा
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Jammu Kashmir: जंगलों में छिपकर अब बच नहीं पाएंगे आतंकी, सेना JK में करने जा रही ड्रोन की तैनाती; देखते ही कर देगी खात्मा

Indian Army operation in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में अब हमले कर जंगलों में छिप जाने वाले आतंकी बच नहीं पाएंगे. ऐसे आतंकियों को ढूंढकर ठिकाने लगाने के लिए सेना अब ड्रोन की तैनाती करने जा रही है.

 

Jammu Kashmir: जंगलों में छिपकर अब बच नहीं पाएंगे आतंकी, सेना JK में करने जा रही ड्रोन की तैनाती; देखते ही कर देगी खात्मा

Indian Army drone deployment in Jammu Kashmir: कई बार एक छोटा फैसला बहुत बड़ा असर डालता है. भारत-पाकिस्तान के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल पर सेना ने ऐसा ही एक फैसला लिया है. जिसका नतीजा सीमा पार पाकिस्तान में भी दिखाई दे रहा है. इस्लामाबाद जिन आतंकियों की मदद से घुसपैठ और हमले करता है. वो आतंकवादी अब आसमान देख रहे हैं..क्योंकि आसमान में ही सेना का डेंजरस ड्रोन तैनात है. 

किसी भी तरह का मिशन दे सकता है अंजाम

जिस ड्रोन ने इजरायल में आतंकियों को उड़ाया. आतंकवादियों के पक्के ठिकानों के खिलाफ ड्रोन एक बेहतरीन हथियार है. ये हवा में ऊंचाई से नजर रख सकते हैं. ड्रोन में ऐसे कैमरे लगे होते हैं जो दिन-रात किसी भी कंडीशन में कंट्रोल रूम तक वीडियो का LIVE टेलीकास्ट कर सकते हैं. ड्रोन की ये क्षमता बहुत ज्यादा घातक है. जरूरत पड़ने पर ड्रोन से हमला भी किया जा सकता है..यानि ये आसमानी ड्रोन हर तरह के मिशन को ये अंजाम दे सकते हैं. 

छोटे ड्रोन्स की ताकत समझने के लिए यूक्रेन युद्ध की तस्वीरें देखिए. जहां पर यूक्रेन ने सिर्फ ड्रोन की मदद से ताकतवर रूस को कई मोर्चों पर रोककर रखा बल्कि रूस की महंगी मिसाइलों से लेकर टैंक तक सबको यूक्रेन ने चुन-चुनकर टारगेट किया. दिखने में छोटे लगनेवाले इन ड्रोन्स ने युद्ध लड़ने का तरीका ही बदल दिया है. ये आसानी से कई किलोमीटर दूर तक जाकर हमले कर सकते हैं. अब इससे मिलता-जुलता एक ड्रोन भारतीय सेना के पास लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात हो चुका है.

LoC पर बनेगा आतंकियों का काल

ये मिनी ड्रोन LoC पर आतंकियों के डर की नई वजह बन चुका है. इसकी वजह है ड्रोन की फुर्ती और दूर तक नजर रखनेवाले कैमरे. इस ड्रोन में लगे कैमरों की मदद से हाई डेफिनिशन वीडियो बनाया जा सकता है. ये किसी दुर्गम इलाके, जंगल और यहां तक गुफाओं के अंदर जाकर भी टेररिस्ट की तलाश कर लेता है.

इसे एफपीवी यानी first person view ड्रोन कहते हैं. इस ड्रोन की खासियत है कि ये जमीन के बिल्कुल नजदीक भी उड़ान भर सकता है.. इसे चलानेवाला सैनिक खास तरह का चश्मा या मॉनीटर पहनता है जिसके बाद इसे वही वीडियो दिखता है जो ड्रोन को नजर आता है.

खतरनाक पहाड़ी- खाई पर रहेगी नजर

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 2024 में आतंक का सफाया करनेवाली तैयारी चल रही है. LoC पर भारतीय सेना आधुनिक और शक्तिशाली ड्रोन तैनात कर चुकी है. LoC पर खराब मौसम, बेहद सर्दी और दुर्गम इलाक़ों की वजह से निगरानी का काम मुश्किल होता है. पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय सेना बड़े पैमाने पर ड्रोन यूनिट्स तैनात कर रही है. 

एक बार उड़ान भरने के बाद ऐसे ड्रोन लगातार LoC पर नजर रखेंगे.  सीमा पर ड्रोन सेना का मतलब समझिए. ये ड्रोन पहाड़ी या खतरनाक घाटी किसी भी लोकेशन पर मिनटों में पहुंच जाएंगे. इनसे बड़े इलाके पर दिन-रात किसी भी वक्त लगातार नजर रखना मुमकिन होगा. सबसे बड़ी बात कई ड्रोन से मिल रही तस्वीरों की निगरानी के लिए काफी कम सैनिकों की जरूरत होगी.

भारत को मिलने जा रहे प्रिडेटर ड्रोन

यानी ड्रोन से भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी और LoC पर निगरानी वाले सिर्फ मिनी ड्रोन्स ही नहीं हैं बल्कि ऐसे बड़े ड्रोन भी हैं जो 500 मीटर की ऊंचाई पर मंडराकर कई किलोमीटर की दूरी तक नजर बनाकर रख सकते हैं.

ड्रोन्स को आप आसमान में तैनात सैनिक समझिए. ये लगातार काम करेंगे. आतंकियों का पीछा करेंगे. दिन हो या रात ये बिना किसी मुश्किल के बर्फ बारिश और धुंध के बावजूद आतंकियों को पहचान लेंगे. यानी इनकी तैनाती से सीमा पर आतंकियों के बुरे दिन शुरु हो गए हैं. 

सिर्फ इतना ही नहीं जिस ड्रोन ने आतंकी लादेन को ढूंढा. मोस्ट वॉन्टेड जवाहिरी को उड़ाया. वो ड्रोन भी भारत को मिलनेवाला है. भारतीय सेनाओं को लंबे इंतज़ार के बाद दुनिया का सबसे घातक प्रिडेटर ड्रोन मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है. रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद अमेरिका से 31 प्रिडेटर ड्रोन खरीद को मंज़ूरी दे चुकी है.

1200 किमी है MQ-9 रीपर की रेंज

प्रिडेटर ड्रोन का इस्तेमाल अमेरिका ने इराक, अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, सीरिया और यमन जैसी जगहों पर बड़े आतंकवादियों को मारने के लिए किया है. आसमान की ऊंचाई पर उड़ते हुए ये ड्रोन जमीन पर मौजूद किसी मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को पहचान लेगा और फिर सैकड़ों किलोमीटर दूर कंट्रोल रूम से ऑर्डर मिलते ही मिसाइल लॉन्च होगी और आतंकी को ठिकाने लगा दिया जाएगा.

प्रिडेटर ड्रोन के जिस अवतार MQ-9 रीपर को भारत खरीदने जा रहा है, उसे दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रोन माना जाता है. ये ड्रोन 24 घंटे से ज्यादा समय तक 50 हजार फीट की ऊंचाई पर सबकी नज़रों से अदृश्य उड़ान भर सकता है. इसके ताक़तवर कैमरे लगातार अपने कंट्रोल रूम तक बिल्कुल साफ़ फुटेज़ और तस्वीरें भेज सकते हैं. इसकी रेंज 1200 किलोमीटर है और इसे दूर से भी कंट्रोल करना बेहद आसान है. 

स्पेशल फोर्सेज को बेसब्री से इंतजार

आतंकियों पर नज़र रखने के लिए इससे बेहतर कोई एयरक्राफ्ट नहीं है, ये छोटे आकार की वज़ह से उन इलाक़ों तक भी जा सकता है जहां एयरक्राफ्ट का जाना मुश्किल होता है. पर जो बात प्रिडेटर को दुनिया का सबसे खतरनाक शिकारी बनाती है वो है अपने निशाने पर सटीक और कारगर बमबारी करना..यानी आने वाले समय में ये भारतीय सेना के सबसे खतरनाक हथियार बनने वाले हैं..

MQ-9 रीपर का का सबसे ज्यादा इंतज़ार सेना और स्पेशल फोर्सेज़ को है. इसके आने के बाद बड़े आतंकवादी सरगनाओं और उनके अड्डों पर बिना अपने सैनिकों को खतरे में डाले सैकड़ों किमी दूर से सटीक हमला किया जा सकेगा. नए जमाने के हथियार काफी सटीक हमला करते हैं और ये भारत के सबसे डेंजरस वेपन बन जाएंगे.

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