India Slams Pakistan: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव भाविका मंगलनंदन ने पाकिस्तान पर पलटवार किया. उन्होंने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को एक प्रमुख रणनीति के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जिसमें 2001 में भारतीय संसद पर हमला और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों सहित कई घटनाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी आतंकी वारदातों की लंबी लिस्ट है.
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India At UNGA: भारत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के उन बयानों पर कड़ा पलटवार किया, जिसमें उन्होंने नई दिल्ली पर कश्मीर में "तनाव बढ़ाने" का आरोप लगाया था. भारत ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए सेना द्वारा संचालित, आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय अपराध, हिंसा और ड्रग्स फैलाने वाला पाखंडी देश करार दिया.
भारत के खिलाफ पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद की लंबी लिस्ट
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव भाविका मंगलनंदन ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को एक प्रमुख रणनीति के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जिसमें 2001 में भारतीय संसद पर हमला और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों सहित कई घटनाएं शामिल हैं. मंगलनंदन ने इस्लामाबाद के निराधार दावों पर पलटवार करते हुए कहा, "यह सूची काफी लंबी है."
उन्होंने आगे कहा कि "आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता" और भारत के खिलाफ पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद "अनिवार्य रूप से उसके नतीजों को आमंत्रित करेगा."
दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं पर पाकिस्तान के फिंगरप्रिंट्स
मंगलनंदन ने यूएनजीए में भारत के जवाब के अधिकार के दौरान कहा, "हम एक ऐसे देश के बारे में बात कर रहे हैं जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी. एक ऐसा देश जिसकी उंगलियों के निशान दुनिया भर में कई आतंकवादी घटनाओं पर हैं, जिसकी नीतियों ने कई आतंकी समूहों और समाज के सबसे खराब तत्वों को पाकिस्तान में अपना ठिकाना बनाने के लिए आकर्षित किया है."
शाहबाज शरीफ के बयान के बाद भारत का तीखा जवाब
शाहबाज शरीफ की टिप्पणियों के बाद भारत ने तीखा जवाब दिया. शरीफ ने अपने बयान में साल 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का जिक्र किया. शहबाज शरीफ ने दावा किया, "भारत ने शासन पर आपसी रणनीतिक संयम के लिए पाकिस्तान के प्रस्तावों को खारिज कर दिया. इसके नेतृत्व ने अक्सर नियंत्रण रेखा पार करने और आजाद कश्मीर (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) पर कब्जा करने की धमकी दी है."
#WATCH | At UNGA Indian diplomat Bhavika Mangalanandan replies to Pakistani PM Shehbaz Sharif, says, "This assembly regrettably witnessed a travesty this morning. A country run by the military, with a global reputation for terrorism, narcotics, trade and transnational crime has… pic.twitter.com/ZpHxE6a5Py
— ANI (@ANI) September 28, 2024
आतंकवाद, ड्रग्स और अपराध के लिए पाकिस्तान बदनाम
मंगलनंदन ने अपने जवाब में पाकिस्तान को "आतंकवाद, नशीले पदार्थों और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए दुनिया भर में बदनाम और सेना द्वारा संचालित देश" कहा. उन्होंने इस बात पर हैरत किया इन मुद्दों के लिए कुख्यात पाकिस्तान कैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत पर इस वैश्विक मंच पर हमला कर सकता है. मंगलनंदन ने कहा, "चुनावों में धांधली के इतिहास वाले देश के लिए लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है."
जम्मू कश्मीर भारत का एक अविभाज्य और अभिन्न अंग
भारतीय राजनयिक ने कहा कि जम्मू और कश्मीर "भारत का एक अविभाज्य और अभिन्न अंग" है और पाकिस्तान लंबे समय से हिंसक तरीकों से इस क्षेत्र में शांति और चुनावों को बाधित करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने पाकिस्तान की हरकतों की निंदा करते हुए कहा, "ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है." भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए आतंकवाद के खिलाफ अपनी कड़ी नीति को दोहराया. उन्होंने कहा कि भारत अपने संप्रभु अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है.
आतंकवाद के साथ कभी कोई समझौता नहीं हो सकता
मंगलनंदन ने आपसी रणनीतिक संयम व्यवस्था के लिए पाकिस्तान के प्रस्ताव पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने घोषणा की कि "आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमारी संसद, हमारी आर्थिक राजधानी मुंबई, प्रसिद्ध बाजारों और पवित्र तीर्थ यात्राओं पर हमले किए हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के लगातार समर्थन के अनिवार्य रूप से परिणाम सामने आएंगे.
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पाकिस्तान का भारत पर आरोप बस एक दुर्भाग्यपूर्ण तमाशा
उन्होंने कहा, "इस महासभा ने आज सुबह एक ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण तमाशे को देखा. यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है. दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान वास्तव में क्या है. हम एक ऐसे देश के बारे में बात कर रहे हैं जिसने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन को पनाह दी. हमारा रुख स्पष्ट है और इसे बार-बार दोहराने की आवश्यकता नहीं है. पाकिस्तान सत्य को और झूठ से नहीं छिपा सकता."
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