Climate Change Impact: बिगड़ रहे हालात! क्लाइमेट चेंज से सबसे अधिक प्रभावित देशों में जानिए भारत का स्थान
Advertisement
trendingNow11205711

Climate Change Impact: बिगड़ रहे हालात! क्लाइमेट चेंज से सबसे अधिक प्रभावित देशों में जानिए भारत का स्थान

New Magazine Launched: भारत के पर्यावरण को लेकर इसमें चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. उन आंकड़ों को जारी किया है सेन्टर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) और डाउन टू अर्थ (DTE) की मैगजीन The State of India’s Environment 2022: In Figures ने.

Climate Change Impact: बिगड़ रहे हालात! क्लाइमेट चेंज से सबसे अधिक प्रभावित देशों में जानिए भारत का स्थान

New Magazine Launched: आज सेन्टर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) और डाउन टू अर्थ (DTE) की मैगजीन The State of India’s Environment 2022: In Figures को लॉन्च किया गया. भारत के पर्यावरण को लेकर इसमें चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इस मैगजीन में भारत में विभिन्न सेक्टरों पर पड़ रहे प्रभावों को आकड़ों की मदद से दिखाने की कोशिश की गई है.

क्लाइमेट चेंज को लेकर बड़ा आंकड़ा

रिपोर्ट में क्लाइमेट चेंज को लेकर एक बड़ा आंकड़ा जारी किया गया है. रिपोर्ट में जारी आकड़ों के अनुसार, क्लाइमेट चेंज को लेकर सबसे खराब हालातों वाले देश में भारत चौथे स्थान पर है. भारत से पहले चीन, फिलीपींस और बांग्लादेश हैं. सॉलिड वेस्ट भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019-20 में भारत मे कुल 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ. जिसमें से केवल 12% कचरे को रिसायकल किया गया. वहीं 20% को जला दिया गया. बाकी बचे 68% कचरे का कोई प्रबंधन नही किया गया. यानी कि बचा हुआ प्लास्टिक का कचरा अभी भी पर्यावरण में मौजूद है. वहीं Hazardous Waste में साल 2019-20 से साल 2020-21 में 5% की बढ़ोतरी हुई है. 

यह भी पढ़ें: WhatsApp पर भेज दिया है कुछ गलत मैसेज? अब जल्द ही मिलेगा एडिट करने का ऑप्शन

तेजी से उत्पन्न हो रहा E-Waste

भारत मे E-Waste भी बहुत तेजी से उत्पन्न किया जा रहा है. साल 2018-19 से 2019-20 में 32% की वृद्धि देखने को मिली. रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु प्रदूषण को लेकर तय मानकों पर पहुंच जाता है तो भारत मे Life Expectancy 5.9 साल तक बढ़ जाएगी. इस साल मार्च का महीना भारत के लिए सबसे गर्म रहा था. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 11 मार्च से लेकर 18 मई हीट वेव ने पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस तरह के कई आंकड़े इस मैगज़ीन में दिए हुए है जिनकी मदद से भारत मे पर्यावरण को लेकर मौजूदा स्थिति को समझा जा सकता है.

सरकारी आंकड़ों के आधार पर है मैगजीन 

रिचर्ड महापात्रा, मैनेजिंग एडिटर डाउन टू अर्थ के मुताबिक इस मैगजीन में इस्तेमाल अधिकतर आंकड़े भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए हैं और ये पब्लिक डोमेन में मौजूद भी है. हमने इन आकड़ों को सिर्फ Analyse किया है और उसे एक जॉर्नलिस्टिक इनसाइट के साथ पेश किया है.

TV News पर पहली बार, इतिहास के पन्नों का पुनर्जन्म

LIVE TV

Trending news