Bombay High Court: चीनी महिला संग ऐसा क्या हुआ, बॉम्बे हाई कोर्ट बोला- भारत-चीन संबंध प्रभावित हो सकते हैं
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Bombay High Court: चीनी महिला संग ऐसा क्या हुआ, बॉम्बे हाई कोर्ट बोला- भारत-चीन संबंध प्रभावित हो सकते हैं

Bombay HC on India China: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक फैसले में चीनी महिला को राहत देते हुए मुआवजा भी देने का फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अनावश्यक रूप से परेशान (Chinese Women Harassment) किए जाने पर अधिकारियों को सुनाया, साथ ही यह भी कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंध (भारत-चीन) खराब हो सकते हैं. 

Bombay High Court: चीनी महिला संग ऐसा क्या हुआ, बॉम्बे हाई कोर्ट बोला- भारत-चीन संबंध प्रभावित हो सकते हैं

Chinese Woman Gold Smuggling Case: चीनी महिला से जुड़े एक मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि अनावश्यक रूप से परेशान किए जाने से द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो सकते हैं. हाई कोर्ट ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे उस चीनी महिला को निकासी परमिट जारी करें जिसे सोना तस्करी के मामले में बरी कर दिया गया है लेकिन वह अब तक देश से जा नहीं सकी है. 

आर्टिकल 21 विदेशियों पर भी लागू

न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने फैसले में कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देता है और यह विदेशी नागरिकों पर भी लागू होता है. उन्होंने इसी के साथ केंद्र सरकार को महिला को हुई परेशानी के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. 

38 साल की चीनी नागरिक कांग लिंग को 2019 में मुंबई हवाई अड्डे से तीन करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उसे 2023 में एक अदालत ने बरी कर दिया था और सत्र न्यायालय ने भी इस फैसले को बरकरार रखा. अदालत ने आव्रजन ब्यूरो को उसे देश छोड़ने के लिए निकासी परमिट जारी करने का भी निर्देश दिया था. हालांकि, महिला को निकासी परमिट जारी नहीं किया गया क्योंकि सीमा शुल्क विभाग ने कहा कि वह उसे बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया कर रहा है. 

बिना औचित्य रोकना घोर...

इसके बाद महिला ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीमा शुल्क विभाग को मानवीय नजरिया और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी क्योंकि अनुच्छेद 21 के अनुसार प्रत्येक विदेशी नागरिक को स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्राप्त है. न्यायधीश ने कहा, ‘सीमा शुल्क विभाग का आचरण न केवल गलत और प्रतिशोधात्मक था बल्कि उसने याचिकाकर्ता को बिना किसी औचित्य के उसके देश जाने से रोककर अपनी शक्तियों का घोर दुरुपयोग किया.’ 

दो बच्चे छोड़कर भारत आई थी महिला

उच्च न्यायालय ने कहा कि कांग दो बच्चे छोड़कर भारत आई थी और उसे सीमा शुल्क विभाग द्वारा परेशान और प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए था. अदालत ने कहा, ‘प्रतिवादी संख्या- 2 (सीमा शुल्क विभाग) द्वारा एक विदेशी नागरिक के साथ जिस तरह से व्यवहार किया जा रहा है उसका असर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा. यह बिना किसी कारण के याचिकाकर्ता को परेशान करने के अलावा और कुछ नहीं है.’ 

उच्च न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 21 इतना व्यापक है कि इसमें न केवल इस देश के नागरिक, बल्कि भारत आने वाले विदेशी भी आते हैं और सरकार का दायित्व है कि वह ऐसे विदेशियों की स्वतंत्रता की रक्षा करे...और यह सुनिश्चित करे कि उन्हें स्वतंत्रता से कोई वंचित न करे. 

कांग की याचिका के अनुसार वह दिसंबर 2019 में भारत आई थी. उसकी उड़ान को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरना था लेकिन खराब मौसम के कारण गंतव्य बदलकर मुंबई कर दिया गया. इसके बाद कांग ने मुंबई आव्रजन की औपचारिकताएं पूरी कर दिल्ली के लिए घरेलू उड़ान भरने का फैसला किया, लेकिन आव्रजन के दौरान उसके सामान में कथित तौर पर सोने की 10 छड़ पाई गईं, जिनका वजन एक-एक किलोग्राम था और जिनकी कीमत 3,38,83,200 रुपये थी. (भाषा)

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