Smartphone Games: गेम खिलाने के नाम पर ये मोबाइल एप्लिकेशन लोगों की जेबों में चूना लगा रही है और लोगों को जब तक पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है. प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने इन तीनों मोबाइल गेम एप्लिकेशन को पेमेंट गेटवे देने वाली कंपनी M/s Coda Payment India Pvt Ltd के तीन ठिकानों पर छापेमारी की.
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Mobile Games: अगर आपके फोन में Garena Free Fire, Teen Patti Gold और Call of Duty गेम्स है तो थोड़ा सावधान हो जाएं. गेम खिलाने के नाम पर ये मोबाइल एप्लिकेशन लोगों की जेबों में चूना लगा रही है और लोगों को जब तक पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है. प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने इन तीनों मोबाइल गेम एप्लिकेशन को पेमेंट गेटवे देने वाली कंपनी M/s Coda Payment India Pvt Ltd के तीन ठिकानों पर छापेमारी की. एजेंसी ने ये छापेमारी कंपनी के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी मामलों पर मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर की. आरोप है कि ये कंपनी अब तक लोगों से 2850 करोड़ की ठगी कर चुकी है और उसमें से 2265 करोड़ रुपये देश से बाहर भेज चुकी है.
गेम खिलाने के नाम पर लोगों से ठगी
एजेंसी ने मामला दर्ज कर जब अपनी जांच शुरू की तो पता चला कि Garena Free Fire, Teen Patti Gold और Call of Duty गेम खिलाने के नाम पर लोगों से ठगी कर रही है. दरअसल, जब भी बच्चे मोबाइल पर ये गेम खेलते है तो लगातार एक नोटिफिकेशन आता है जिसमें डिजिटल टोकन लेने की बात की जाती है ताकि गेम में बेहतर एक्सपिरियंस मिले. लेकिन Garena और M/s CPIPL ने पेमेंट गेटवे को इस तरह से डिजाइन किया था कि एक बार पेमेंट होने के बाद नोटिफिकेशन आता था जिसमें फिर से पेमेंट के लिए किसी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं होती थी, यानी आपकी जेब से जब चाहे ये कंपनी पैसे उड़ा सके.
बच्चों को इस तरह की चालबाजी का पता नहीं चलता और इसी का फायदा ये कंपनी उठा रही थी. Garena जिसने Free Fire गेम को डेवल्प किया है वो सिंगापुर की कंपनी है और भारत में कोई दफ्तर नहीं है और सिंगापुर से ही ऑपरेट करती है. एजेंसी ने जब M/s CPIPL पर छापेमारी की तो पता चला कि Coda Payments India Pvt Ltd को सिंगापुर में बनी और वहीं से कंट्रोल होने वाली Coda Payments Singapore Pte.Ltd के एजेंट के तौर पर बनाया गया था और इस कंपनी काम गेम के जरिए पैसों की उगाही कर सीधा सिंगापुर की कंपनी के खाते में भेजना था.
यानी भारत में बनी ये कंपनी सिर्फ डिजिटल सेल के नाम पर यूजर से पैसे लेकर सीधे सिगांपुर भेजती थी, जबकि असल में कोई कोई खरीद या बिक्री नहीं होती थी. जांच में पता चला कि ये कंपनी अभी तक भारत में 2850 करोड़ रुपये लोगों से ठग चुकी है और अपना हिस्सा लेकर 2265 सिंगापुर भेज चुकी है. इसी के बाद कंपनी ने कारवाई करते हुए M/s CPIPL का खातों में जमा 68.53 करोड़ रुपयों को फ्रीज कर दिया है जो कंपनी ने कमिशन के तौर पर लिए थे.
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