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Agneepath Scheme: देश की तीनों सेनाओं में रंगरूटों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के तहत चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. युवा इस योजना में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. इस बीच वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने अग्निपथ योजना की सराहना करते हुए अग्निवीरों से जुड़े IAF के दृष्टिकोण को लेकर बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना, भारतीय वायु सेना के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को पूरा करेगी. भारतीय वायु सेना को 'दुबले-घातक' सुरक्षाबलों से लैस करने का दूरदर्शी विजन अब पूरा होगा. इस भर्ती मॉडल से भारतीय वायु सेना की क्षमता बढ़ेगी.
7,50,000 उम्मीदवारों ने कराया रजिस्ट्रेशन
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि योजना के कार्यान्वयन के माध्यम से पेंशन और अन्य व्यय में कोई भी बचत केवल आकस्मिक है और सुधार शुरू करने का कारण नहीं है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना भारतीय वायुसेना के जनशक्ति अनुकूलन अभियान को आगे बढ़ाती है. जिसमें हमने एक दशक से कई मानव संसाधन नीतियों और संगठनात्मक संरचनाओं की समीक्षा की है. नई योजना के तहत भारतीय वायुसेना में लगभग 3,000 पदों के लिए लगभग 7,50,000 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
हुआ था खूब विरोध
14 जून को घोषित इस योजना में केवल चार साल के लिए 17 और 21 वर्ष की आयु वर्ग के बीच के युवाओं की भर्ती करना है. जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है. 2022 के लिए, ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है. भारत के कई हिस्सों में इस योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे. आंदोलनकारियों ने इसे वापस लेने की मांग की थी. उनका कहना था कि नया मॉडल 75 प्रतिशत रंगरूटों को नौकरी की गारंटी नहीं देता.
'अग्निपथ योजना से IAF होगा मजबूत'
उन्होंने कहा कि विकसित होती तकनीक के साथ एक एयर फाइटर की बुनियादी जरूरतों में भी गुणात्मक बदलाव आया है. हमें लगता है कि आज के युवा कौशल के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का एक बहुत ही आवश्यक सेट लेकर आते हैं. एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि संगठनात्मक आवश्यकताओं और युवाओं की आकांक्षाओं का तालमेल भारतीय वायुसेना को भविष्य में एक प्रभावी शक्ति बनने के लिए आदर्श मिश्रण प्रदान करेगा.
योजना को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली
IAF प्रमुख ने कहा कि सेवाओं में मानव संसाधन में परिवर्तन की आवश्यकता पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया है और कारगिल समीक्षा समिति की सिफारिशों को धीरे-धीरे संबोधित करने के लिए कदम उठाए गए हैं. यह मानव संसाधन परिवर्तन बदलती प्रौद्योगिकी के प्रभाव, मशीनों की जटिलता, स्वचालन और भारतीय वायुसेना की जनशक्ति सहित संसाधनों के अनुकूलन की आवश्यकताओं को पूरा करता है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना को पहले ही इस योजना के लिए जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है.
चयन प्रक्रिया जारी
उन्होंने कहा कि चयन की प्रक्रिया जारी है. हमने चार साल की अवधि के भीतर अग्निवीरों के निर्बाध नामांकन, प्रशिक्षण, भूमिका, रोजगार, मूल्यांकन और प्रशिक्षण के लिए 13 टीमों का गठन किया है. मानव संसाधन परिवर्तन किसी भी तरह से हमारे पास परिचालन क्षमता को कम नहीं करता है. वास्तव में, यह सशस्त्र बलों को प्रतिभा को आकर्षित करने और राष्ट्र की सेवा करने के इच्छुक युवाओं के साथ जुड़ने का लाभ प्रदान करेगा.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)
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