Mamata Banerjee: पहले तो हिमंता बिस्व सरमा ने ममता पर धमकी देने के लिए निशाना साधा और फिर पूछ लिया कि आपकी ऐसा बोलने की हिम्मत कैसे हुई. साथ ही हिमंता ने यह आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए जनता को भड़काने की कोशिश कर रही हैं.
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Himanta Biswa Sarma: उबलते पश्चिम बंगाल पर मचा राजनीतिक तूफान कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में अशांति के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा दिया, साथ ही उन्होंने एक ऐसी चेतावनी दे डाली जिस पर घमासान मच गया. ममता ने यह कह दिया कि अगर बंगाल में किसी ने आग लगाई गई, तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी प्रभावित होंगे. इसके बाद तो फिर वे दोबारा विवादों में आ गईं. बीजेपी नेता और असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए.
हिमंता ने बकायदा सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता के भाषण की 46 सेकंड की वीडियो क्लिप साझा करते हुए लिखा कि आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता. हिमंता ने यह भी कहा कि आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए.
क्या बोल गईं ममता?
असल में ममता ने यह कहा कि बांग्लादेश और उनके राज्य की भाषा और संस्कृति एक ही है लेकिन दोनों अलग-अलग देश हैं और पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है. फिर उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी बीजेपी पश्चिम बंगाल में स्थिति को खराब करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कह दिया कि अगर बंगाल में आग लगाई गई, तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी प्रभावित होंगे.
दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए। आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता।
pic.twitter.com/k194lajS8s— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 28, 2024
ममता ने यह सब तब कहा जब वे अपनी पार्टी की छात्र इकाई तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के पर एक सभा को संबोधित कर रही थीं. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पारित करेगी. यह विधेयक 10 दिनों के भीतर पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश किया जाएगा. हम इसे राज्यपाल के पास भेजेंगे और अगर वह विधेयक पारित नहीं करते हैं तो हम राजभवन के बाहर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठेंगे.