बाबा साकार कैसे चमत्कार के नाम पर देता था भक्तों को धोखा? बहन ने खोल दिया राज
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बाबा साकार कैसे चमत्कार के नाम पर देता था भक्तों को धोखा? बहन ने खोल दिया राज

Narayan Sakar Hari Sister:बाबा नारायण साकार की बहन सोनकली से Zee News ने बात की है. सोनकली ने दावा किया कि उन्होंने बाबा का चमत्कार और उंगली पर घूमता चक्र देखा था. वो चक्र घूमाकर लोगों को दुख दूर करते थे.

बाबा साकार कैसे चमत्कार के नाम पर देता था भक्तों को धोखा? बहन ने खोल दिया राज

Narayan Sakar Hari Sister: बाबा नारायण साकार कैसे भक्तों को चमत्कार के नाम पर झांसा देकर फंसाता था? कैसे वो लोगों की आंखों में धूल झोंकता था? इसकी पड़ताल करने के लिए जब जी न्यूज उसके गांव कासगंज के पटियाली पहुंचा तो उनकी बहन ने जो कुछ बताया उससे साफ हो गया कि बाबा साकार कितना बड़ा पाखंडी था. उनकी बहन ने बताया कि बाबा उंगली में चक्र घूमाते थे और लोगों को दुख दूर करते थे. बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग कै दौरान भगदड़ मच गई और मौत का ऐसा तांडव हुआ, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई.

बहन ने देखा था बाबा का चमत्कार?

नारायण साकार उर्फ भोले बाबा की बड़ी बहन ने Zee Media से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि बहन ने बाबा का चमत्कार और उंगली पर घूमता चक्र देखा था. भोले बाबा की बहन सोनकली ने बताया कि बाबा पहले पुलिस की नौकरी करते थे. फिर नौकरी छोड़ दी और पूजा पाठ करने लगे. फिर उन पर कुछ सिद्धि आ गई. उसके बाद वह लगातार चमत्कार दिखाने लगे. उनकी बहन सोनकली ने बताया कि बाबा के उंगली में चक्र घूमते हुए मैंने देखा है. जब से वह बाबा बने तब से उन्होंने परिवार त्याग दिया. भोले बाबा तीन भाई और तीन बहन थे. भाइयो में भोले बाबा सबसे बड़े थे.

यूपी पुलिस का सिपाही कैसे बना नारायण साकार 

यूपी पुलिस का एक सिपाही सूरजपाल कैसे भोले बाबा उर्फ नारायण साकार विश्व हरि बन गया. खुद को नारायण का अवतार बताकर सत्संग की शुरुआत की. साल 1997 के दौरान यूपी पुलिस के सिपाही सूरजपाल ने पुलिस की नौकरी छोड़कर अपने पैतृक गांव बहादुरनगर आ गया. बहादुरनगर एक छोटा सा गांव है, जो कासगंज जिले की तहसील पटियाली में स्थित है. साल 1999 में सूरजपाल ने एक मारुति 800 कार में अपनी पत्नी के साथ आस-पड़ोस के गांव में खुद को बाबा बताकर सत्संग करना शुरू किया. इसके बाद धीरे-धीरे वह सूरजपाल से भोले बाबा कहलाने लगा. उसने अपने आश्रम के द्वार पर एक स्टेच्यू बनवा रखा है, जिसमें वह गरुड़ पर बैठा हुआ है और हाथ में चक्र धारण किए है.

80 हजार की अनुमति, सत्संग में कैसे पहुंचे ढाई लाख लोग

यूपी के हाथरस में सत्संग कै दौरान मौत का ऐसा तांडव हुआ, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई. साकार हरि नाम के बाबा के सत्संग में सिर्फ 80 हजार लोगों की अनुमति के बाद ढाई लाख से ज्यादा लोग कैसे पहुंच गए. घटना के बाद से ह बाबा फरार है. भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में अब तक बाबा के खिलाफ FIR दर्ज नहीं हुई है, जो हैरान करने वाली है. विपक्ष इसे सरकार और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा बता रहा है तो सीएम योगी कह चुके हैं कि दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा, ये हादसा है या साजिश इस पर जांच होगी. लेकिन, इसके बाद भी सवाल है कि 121 मौत का जिम्मेदार कौन है और फरार बाबा अब तक पकड़ा क्यों नहीं गया.

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