Guna Accident: एमपी के गुना में डंपर से टक्कर के बाद बस में लगी आग, 13 की मौत कई जख्मी; मृतकों और घायलों को मुआवजे का ऐलान
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Guna Accident: एमपी के गुना में डंपर से टक्कर के बाद बस में लगी आग, 13 की मौत कई जख्मी; मृतकों और घायलों को मुआवजे का ऐलान

Guna News: मध्य प्रदेश के गुना में यात्री बस में आग लगने से 13 लोग जिंदा जल गए. कई लोग जख्मी हो गए. घायलों का इलाज जारी है. सीएम मोहन यादव ने घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के साथ मुआवजे का ऐलान किया है.

Guna Accident: एमपी के गुना में डंपर से टक्कर के बाद बस में लगी आग, 13 की मौत कई जख्मी; मृतकों और घायलों को मुआवजे का ऐलान

Guna Accident Bus Fire: एमपी के गुना में हुए दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है. हादसा उस वक्त हुआ जब गुना से आरोन जा रही एक पैसेंजर बस दुहाई मंदिर के पास सामने से आ रहे डंफर की टक्कर लगने से पलट गई. हादसे के फौरन बाद बस में भीषण आग लगी और वो देखते ही देखते आग के गोले में तब्दील हो गई. इस हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए. आगजनी के दौरान बस में बैठे कई यात्री झुलस गए. उनकी हालत गंभीर है, मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है. वहीं बस ड्राइवर की डंफर से टकराने के फौरन बाद मौत हो गई. हादसे के बाद ज्यादातर यात्रियों ने बस का कांच तोड़कर खुद को बचाया और बाहर निकलने में कामयाब रहे, घायलों  को एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया है.

बस से निकले कंकाल तो कांप गए लोग

आगजनी पर पूरी तरह काबू पाने के बाद जब प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया तो बस में से कंकाल निकलना शुरू हो गए. फौरन गुना के कलेक्टर तरुण राठी मीडिया के सामने आए और 12 लोगों की मौके पर मौत और 14 लोगों के घायल होने की पुष्टी की. प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने भी मृतकों और घायलों के इलाज के लिए मुआवजा का ऐलान किया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी फोन पर अधिकारियों को बचाव और इलाज के निर्देश दिए हैं.

गुना हादसे पर सीएम मोहन यादव ने संज्ञान लेते हुए हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने मृतकों को 4-4 लाख के मुआवज़े का ऐलान किया है. 

बस की फिटनेस पर उठ रहे सवाल

सूत्रों के मुताबिक हादसे का शिकार हुई बस काफी पुरानी थी. वो किस परमिट पर चल रही थी, उसका बीमा या फिटनेस था कि नहीं? गुना कलेक्टर तरुण राठी इन सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए. सूत्रों की माने तो बस गुना के किसी बीजेपी नेता की बताई जा रही है. अब बस की फिटनेस या बीमा था की नहीं यह सब तो सीएम मोहन यादव के जांच के आदेश के बाद सामने आ जाएगा. पर घर जाने के लिए जो लोग बस में बैठे थे, उनमें 12 की जीवन यात्रा बेहद दर्दनाक तरीके से समाप्त हो गई.

सवाल यही की आखिर प्रशासन समय के पहले क्यों नही जागता? क्यों कंडम बसे रोड़ पर सवारी ढोने का काम करती रहती हैं? क्या प्रशासन को कोई कार्यवाही करने के लिए किसी बड़े हादसे का इंतजार रहता है? इसका जवाब गुना के कलेक्टर साहब और परिवहन विभाग दोनों को ही देना होगा.

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