Boat Accident: जब नाव की क्षमता नहीं थी तो क्यों बैठा दिए ज्यादा बच्चे? 14 स्टूडेंट्स की मौत का कौन जिम्मेदार?
Advertisement
trendingNow12066299

Boat Accident: जब नाव की क्षमता नहीं थी तो क्यों बैठा दिए ज्यादा बच्चे? 14 स्टूडेंट्स की मौत का कौन जिम्मेदार?

जानकारी के मुताबिक नाव में क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठे हुए थे, जिस कारण बोट पलट गई. छात्रों को बचाने के लिए एनडीआरएफ के अलावा तमाम सरकारी एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई हैं. 

Boat Accident: जब नाव की क्षमता नहीं थी तो क्यों बैठा दिए ज्यादा बच्चे? 14 स्टूडेंट्स की मौत का कौन जिम्मेदार?

गुजरात के वडोदरा में गुरुवार को हरणी झील में एक नाव पलट जाने से 14 बच्चों और 2 टीचर्स समेत 16 लोगों की मौत हो गई. नाव में 27 बच्चे सवार थे, जो पिकनिक मनाने हरणी झील में गए थे. ये स्टूडेंट्स न्यू सनराइज स्कूल के थे और पिकनिक स्कूल की तरफ से आयोजित कराई गई थी. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वहां मौत उनका इंतजार कर रही है. जानकारी के मुताबिक नाव में क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठे हुए थे, जिस कारण बोट पलट गई.

10 छात्रों को बचाया गया

छात्रों को बचाने के लिए एनडीआरएफ के अलावा तमाम सरकारी एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई हैं. अब तक 10 लोगों को बचा लिया गया है. लेकिन सवाल खड़ा हो रहा है कि जरूरत से ज्यादा छात्रों को नाव में बैठाने की आखिर जरूरत क्या थी? स्टूडेंट्स को झील में ले जाने से पहले क्या सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे? क्या नाव पर लाइफ जैकेट नहीं थी? 

इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह वडोदरा की हरणी झील में हुए हादसे में छात्रों की मौत से बेहद दुखी हैं. मेरी संवेदनाएं दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हैं. मेरी प्रार्थना है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. पीड़ितों को प्रशासन हर संभव मदद मुहैया करा रहा है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. गुजरात के एजुकेशन मिनिस्टर कुबेर डिंडोर ने कहा, 'राहत एवं बचाव कार्य जारी है. एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी अन्य एजेंसियों के साथ काम में जुटे हुए हैं.' 

छात्रों ने तोड़ दिया दम

एसएसजी अस्पताल ने बताया कि 15 साल का एक लड़का और 15 साल की दो लड़कियों और 45 साल के दो शिक्षकों को अस्पताल लाया गया, लेकिन उनकी मृत्यु हो चुकी थी. झील से बाकी छात्रों को निकालने की कोशिशें भी हो रही हैं. एनडीआरएफ को राहत एवं बचाव कार्य में इसलिए भी मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि झील के नीचे काफी कीचड़ है. मुमकिन है कि कुछ लोग वहां भी फंसे हों. 

मामले पर दुख जताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, 'हरणी झील में छात्रों के डूबने की घटना दिल तोड़ देने वाली हैं. मैं उन छात्रों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं, जिन्होंने इस घटना में दम तोड़ दिया. दुख की घड़ी में मैं पीड़ित परिवारों के साथ हूं. भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उनको इस दुख को सहने की क्षमता दे.'

 

Trending news