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Precautionary Guidelines: भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों में पढ़ाई के समय और दिनचर्या में थोड़े बदलाव किए जा सकते हैं. स्कूलों (Schools) में पढ़ाई जल्दी शुरू कर सकते हैं और दोपहर से पहले क्लासेस खत्म की जा सकती हैं. स्कूल खुलने का समय प्रातः 7:00 बजे हो सकता है. प्रतिदिन स्कूलों में पढ़ाई की कुल अवधि घटाई जा सकती है. खेल/अन्य आउटडोर गतिविधियां, जो फिलहाल छात्रों को कड़ी धूप में ही करनी पड़ती हैं उन्हें प्रात: काल में उचित रूप से एडजस्ट किया जा सकता है. स्कूल असेंबली (Assembly) या तो धूप रहित क्षेत्र या कक्षाओं में आयोजित की जानी चाहिए और इसकी अवधि भी घटा देनी चाहिए. स्कूलों में छुट्टी होने के समय भी ठीक इसी तरह का ध्यान रखा जा सकता है.
स्कूल बस/वैन में अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए. इसमें उतने ही विद्यार्थी होने चाहिए जितने विद्यार्थियों की बैठने की कुल क्षमता है. बस/वैन (Bus/Van) में पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए. पैदल/साइकिल से स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे अपना सिर ढक कर रखें. सार्वजनिक परिवहन से बचने और धूप में कम से कम समय रहने के लिए माता-पिता को जागरूक करें कि यथासंभव वे ही विद्यार्थियों को लेने के लिए स्कूल आया करें. स्कूल बस/वैन की पार्किंग छायादार स्थानों पर की जा सकती है.
छात्रों को सलाह दी जा सकती है कि वे अपनी पानी की बोतलें, टोपी और छतरियां अपने साथ ही रखें और खुले में बाहर जाने पर उनका उपयोग करें. स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे विशेषकर ऐसे कई स्थानों पर पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराएं जहां आसपास के मुकाबले कम तापमान हो. ठंडा पानी उपलब्ध कराने के लिए वॉटर कूलर/मिट्टी के बर्तन (घड़े) का उपयोग किया जा सकता है. हर कक्षा में शिक्षक को छात्रों को अपनी पानी की बोतलों (Water Bottles) से पानी पीने के लिए याद दिलाते रहना चाहिए. घर वापस जाते समय स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों की बोतलों में पानी अवश्य हो. छात्रों को लू से बचने के लिए निरंतर उचित मात्रा में पानी पीने के महत्व से अवगत कराया जाना चाहिए और नियमित रूप से समय-समय पर पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जानी चाहिए. निरंतर पर्याप्त पानी लेने से शौचालयों का उपयोग बढ़ सकता है इसलिए विद्यालय शौचालयों को स्वच्छ और साफ-सुथरा रखें.
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गर्मी से भोजन खराब हो सकता है इसलिए पीएम पोषण (PM Poshan) के तहत गर्म पके हुए भोजन को ताजा परोसा जाना चाहिए. प्रभारी शिक्षक परोसे जाने से पहले भोजन (Food) की जांच कर सकते हैं. टिफिन लाने वाले बच्चों को सलाह दी जा सकती है कि वे ऐसा खाना न लाएं जो काफी जल्दी बासी हो सकता है. स्कूलों में कैंटीनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ताजा और स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही परोसा जाए. लंच/टिफिन के समय बच्चों को हल्का भोजन करने की सलाह दी जा सकती है.
स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पंखे काम कर रहे हैं और सभी कक्षाएं उचित रूप से हवादार हैं. यदि संभव हो तो वैकल्पिक पावर बैकअप की व्यवस्था की जा सकती है. सूरज की रोशनी को सीधे कक्षा में प्रवेश करने से रोकने के लिए पर्दे/ब्लाइंड/अखबार आदि का उपयोग किया जा सकता है. यदि स्कूल (School) द्वारा अपने आसपास के माहौल को ठंडा रखने के लिए 'खस' के पर्दे, बांस/जूट की चिक जैसा कोई स्थानीय पारंपरिक तरीका अपनाया जा रहा है, तो उसे जारी रखा जा सकता है.
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छात्रों को ढीले और हल्के रंग के सूती पोशाक (Cotton Dress) पहनने की अनुमति दी जा सकती है. स्कूलों में यूनिफॉर्म या पोशाक जैसे कि नेक टाई के संबंध में मानदंडों में ढील दे सकते हैं. चमड़े के जूतों के स्थान पर कैनवास के जूते (Canvas Shoes) पहनने की अनुमति दी जा सकती है. विद्यार्थियों को सलाह दी जा सकती है कि वे पूरी बाजू की कमीज या शर्ट पहनें.
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