जयपुर में जाट समाज के एक कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून नहीं बना तो देश में किसानों की सरकार के साथ बहुत भयानक लड़ाई होगी.
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Satya Pal Malik: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं बना तो देश में किसानों की सरकार के साथ बहुत भयानक लड़ाई होगी. जयपुर में जाट समाज के एक कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए मलिक ने कहा, ‘‘अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून नहीं बना तो देश में किसानों की सरकार के साथ बहुत भयानक लड़ाई होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धरना खत्म हुआ है, आंदोलन खत्म नहीं हुआ...’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे तो चार महीने रह गए हैं (राज्यपाल के पद पर)... मैं तो छोड़कर उसी (एमएसपी को लेकर किसानों के आंदोलन में) में कूद पडूंगा.’’ उन्होंने कॉरपोरेट जगत के चुनिंदा लोगों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कुछ तो बतायें कि ये मालदार कैसे हो रहे हैं, जबकि लोग बर्बाद हो रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘धरना खत्म हुआ है, किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ.... अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून नहीं बना तो देश में किसानों की सरकार के साथ बहुत भयानक लड़ाई होगी.’’ मेघायल के राज्यपाल ने कहा, ‘‘जब किसान आंदोलन कर रहे थे, तो वह प्रधानमंत्री के पास गये थे और उन्होंने कहा था कि ‘‘देखिये साहब इनके (किसानों के) साथ बहुत ज्यातती हो रही है.’’
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मलिक ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि इनको कुछ ले देकर निपटा दीजिये तो उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) कहा चले जायेंगे... क्यों चिंता करते हो... मैंने कहा, साहब आप इनको जानते नहीं हो... ये तब जायेंगे जब आप (प्रधानमंत्री) चले जायेंगे.’’ उन्होंने अडाणी कंपनी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कुछ तो बतायें ये कैसे मालदार हो रहे हैं, जबकि लोग बबार्द हो रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि इनको (कॉरपोरेट के लोगो) कोई इज्जत मत दीजिये... इनको सेठ भी मत कहिये और जब तक इनपर हमला नहीं होगा तब तक यह क्लास रूकेगी नहीं... हम नीचे जाते रहेंगे ये ऊपर जाते रहेंगे.’’
मलिक बार-बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना के लिए सुर्खियां बटोर चुके हैं. पिछले महीने उन्होंने कहा था कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर में किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया. जनवरी में मलिक ने कहा था कि जब वह किसानों के मुद्दे पर मोदी से मिलने गए, तो वह ‘अहंकार’ में थे और उनकी पांच मिनट के भीतर प्रधानमंत्री से लड़ाई हुई थी.
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