Farmers Protest: हरियाणा सरकार द्वारा शंभू बॉर्डर पर लगे रोडब्लॉक्स हटाने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली कूच करेंगे. वे फरवरी से ही हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.
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Farmers Protest: हरियाणा सरकार द्वारा शंभू बॉर्डर पर लगे रोडब्लॉक्स हटाने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली कूच करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के अध्यक्ष जगदीप सिंह दलेवाल ने कहा है कि वे दिल्ली के जंतर मंतर या रामलीला मैदान में अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे.
हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं किसान
किसान केंद्र सरकार के खिलाफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वे फरवरी से ही हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. तब दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी.
हरियाणा सरकार को बैरिकेड्स हटाने का निर्देश
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अब राज्य सरकार को सीमा पर लगी बैरिकेड्स को हटाने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि नाकाबंदी आने-जाने वालों के लिए परेशानी पैदा कर रही है. हरियाणा सरकार ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी है.
रास्ता रोका गया तो..
किसान नेता ने कहा कि अगर उन्हें फिर रोका गया और रास्ता रोका गया, तो "सरकार जिम्मेदार होगी". दलेवाल ने कहा कि उन्होंने अंबाला में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की योजना बनाई है ताकि नवदीप सिंह के साथ एकजुटता दिखाई जा सके. नवदीप सिंह को मार्च में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था और उन पर दंगा और हत्या के प्रयास सहित कई आरोप हैं.
यह सरकार है जिसने रास्ता रोका है..
हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती का जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा, "यह सरकार है जिसने रास्ता रोका है, किसानों ने नहीं." फरवरी में प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान शुभकरण सिंह की मौत की जांच के लिए गठित जांच दल पर भी दलेवाल ने सवाल उठाए.
सुप्रीम कोर्ट पहुंची हरियाणा सरकार
उधर, सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार की उस याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिसमें अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर एक सप्ताह के भीतर बैरिकेड हटाने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता लोकेश सिंहल ने मंगलवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ के समक्ष इस मामले की तत्काल सुनवाई की आवश्यकता जताई. इसके बाद पीठ ने मामले को अगले सोमवार के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की.