Facebook अलर्ट ने बचाई युवक की जान, लाइव आकर करने जा रहा था सुसाइड
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Facebook अलर्ट ने बचाई युवक की जान, लाइव आकर करने जा रहा था सुसाइड

Ghaziabad में एक फेसबुक अलर्ट ने युवक की जान बचा ली. यहां अभय शुक्ला नाम का युवक इंस्टाग्राम लाइव में सुसाइड करने की तैयारी कर रहा था. अमेरिका के कैलिफोर्निया में फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा हेडक्वार्टर में जैसे ही उसका वीडियो दिखाई दिया, टीम ने यूपी पुलिस को अलर्ट भेजा.

Facebook अलर्ट ने बचाई युवक की जान, लाइव आकर करने जा रहा था सुसाइड

Ghaziabad News: गाजियाबाद में एक फेसबुक अलर्ट ने युवक की जान बचा ली. यहां अभय शुक्ला नाम का युवक इंस्टाग्राम लाइव में सुसाइड करने की तैयारी कर रहा था. अमेरिका के कैलिफोर्निया में फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा हेडक्वार्टर में जैसे ही उसका वीडियो दिखाई दिया, टीम ने यूपी पुलिस को अलर्ट भेजा. मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर पुलिस ने युवक को बचा लिया. पूरे मामले में खास बात यह है कि अलर्ट भेजने से लेकर पुलिस के पहुंचने में महज 13 मिनट का समय लगा. करीब 6 घंटे तक युवक की काउंसिलिंग की गई और जब परिवार आ गया, युवक को उनके पास सुपुर्द किया गया.

ऐसे बची युवक की जान

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मेटा कंपनी से पिछले साल मार्च में यह करार किया था कि फेसबुक या इंस्टाग्राम पर किसी व्यक्ति की आत्महत्या संबंधित पोस्ट दिखे, तो तुरंत पुलिस को अलर्ट किया जाए. अभय शुक्ला ने सुसाइड करने के लिए कमरे के सीलिंग फैन में फंदा लगाया था, इसे देखने के बाद मेटा ने पुलिस को अलर्ट भेजा था.

मंगलवार रात 9.57 बजे अभय शुक्ला इंस्टाग्राम पर लाइव आकर फांसी का फंदा बनाने लगा. वीडियो देखकर इंस्टाग्राम - फेसबुक के हेडक्वार्टर ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर को ईमेल अलर्ट भेजा. इस ईमेल में अभय का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था. पुलिस ने तुरंत नंबर को सर्विलांस पर लिया, तो लोकेशन गाजियाबाद की निकली.

सोशल मीडिया सेंटर ने यह अलर्ट गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट को ट्रांसफर किया. वहां से विजयनगर थाना पुलिस को मैसेज दिया गया. इसके बाद पुलिस ने अभय को फांसी लगाने से पहले ही बचा लिया. अमेरिका से गाजियाबाद तक मैसेज के बाद पुलिस पहुंचने तक के प्रोसेस में महज 13 मिनट ही लगे. इसी वजह से युवक की जान बच पाई. अभय शुक्ला (23) कन्नौज का रहने वाला है. अभी वह गाजियाबाद के विजयनगर एस ब्लॉक में रहता है. वह गुरुग्राम की कैशिफाई कंपनी में जॉब करता था, जो पुराने मोबाइल सेल-परचेज का काम करती है. 

अभय डीलरों से पुराने फोन लेकर कंपनी को देता था. कंपनी फोन ठीक करके मार्केट में अच्छे रेट पर बेच देती थी. अभय को हर मोबाइल पर 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था. अभय को इसमें फायदा हुआ, तो कुछ महीने जॉब छोड़कर वह निजी तौर पर यह काम करने लगा, लेकिन कुछ समय बाद अभय को काम में नुकसान होने लगा. इसकी भरपाई के लिए उसने अपनी मां से 90 हजार रुपए उधार लिए. मां ने यह रकम अभय की बहन की शादी के लिए रखी हुई थी. जब यह रकम भी डूब गई तो अभय निराश हो गया और आत्महत्या करने पहुंच गया.

(इनपुट-एजेंसी)

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