Maternal Mortality: प्रेगनेंसी के दौरान, हर दो मिनट में एक महिला की मौत, UN रिपोर्ट में खुलासा
Advertisement
trendingNow11584643

Maternal Mortality: प्रेगनेंसी के दौरान, हर दो मिनट में एक महिला की मौत, UN रिपोर्ट में खुलासा

Maternal Mortality India: भारत में मातृ मृत्यु दर में सुधार हुआ है लेकिन अभी काफी सुधार की और जरुरत है. भारत मातृ मृत्यु दर के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है.

Maternal Mortality: प्रेगनेंसी के दौरान, हर दो मिनट में एक महिला की मौत, UN रिपोर्ट में खुलासा

Maternal Mortality UN Report: यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. 2020 में 2,87,000 महिलाओं की मौत प्रेगनेंसी के दौरान हो गई. इसका मतलब है कि दुनिया भर में हर 2 मिनट में एक महिला गर्भावस्था के दौरान दम तोड़ देती है. भारत में मातृ मृत्यु दर में सुधार हुआ है लेकिन अभी काफी सुधार की और जरुरत है. भारत मातृ मृत्यु दर के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है.

भारत के हालात भी बेहद खराब
वर्ष 2000 में हर 1 लाख में 386 महिलाओं की मौत भारत में प्रेगनेंसी से होती थी. वर्ष 2020 में ये आंकड़ा 103 पर आया है. भारत में पिछले 20 वर्षों में गर्भावस्था के दौरान माताओं की मौत के मामले में 73% का सुधार आया है.

पहले नंबर पर नाइजीरिया, दूसरे नंबर पर भारत
भारत में वर्ष 2020 में 24000 महिलाओं की प्रेगनेंसी से जुड़े कारणों की वजह से मौत हो गई. दुनिया भर में भारत दूसरे नंबर का देश है जहां इतनी मौतें हो रही हैं पहले नंबर पर नाइजीरिया है. जहां प्रेगनेंसी की वजह से 82000 महिलाओं की मौत हुई.

दुनिया का औसत देखें तो साल 2000 में एक लाख बच्चों के जन्म के दौरान 339 महिलाओं की मौत हो रही थी. 2020 में यह आंकड़ा घटकर 223 हो गया. हालांकि कुल मौतों का 70% अकेले अफ्रीकी देशों से दर्ज हो रहा है.

इन वजह से हो रही है मौतें

-गर्भावस्था के दौरान bleeding

-हाई ब्लड प्रेशर

-सही समय पर अस्पताल का ना मिलना

-प्रेगनेंसी के दौरान इन्फेक्शन या फिर

-असुरक्षित तरीके से कराया गया गर्भपात

कहां हो रही ज्यादा मौतें

गरीब देशों में और ऐसे देशों में जहां लगातार सूखा बाढ़ या बीमारियां बनी रहती है या फिर ऐसे देश जिन्होंने युद्ध झेले हैं. इन देशों में महिलाओं की मौत का आंकड़ा बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा है भारत भी ऐसे ही देशों में शामिल है जहां अभी भी प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली मौतों की संख्या काफी ज्यादा है.

बेहतर डॉक्टर या इलाज की कमी
दुनिया भर में तकरीबन 27 करोड़ महिलाओं को बेहतर डॉक्टर या इलाज की सुविधाएं नसीब नहीं है. इस अंतर को भरने के लिए यूनाइटेड नेशंस के अनुमान के मुताबिक कम से कम 9,00,000 मिडवाइफ यानी आया दुनिया भर में उपलब्ध होने चाहिए.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद  Zeenews.com/Hindi - सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news