DNA Analysis: विश्व गुरु बनने की राह पर कैसे आगे बढ़ रहा भारत? मुस्लिम देश भी हो गए मुरीद, ऐसे मांग रहे मदद
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DNA Analysis: विश्व गुरु बनने की राह पर कैसे आगे बढ़ रहा भारत? मुस्लिम देश भी हो गए मुरीद, ऐसे मांग रहे मदद

DNA on Wheat Exports to Egypt and other Countries by India: वैश्विक राजनीति में भारत सैकड़ों वर्षों बाद एक बार फिर विश्व गुरु की भूमिका में आगे चल पड़ा है. भारत की जबरदस्त कूटनीति का आलम ये है कि अब मुस्लिम देश भी उसके मुरीद हो गए हैं और जीवन चलाने के लिए उससे मदद मांग रहे हैं. 

DNA Analysis: विश्व गुरु बनने की राह पर कैसे आगे बढ़ रहा भारत? मुस्लिम देश भी हो गए मुरीद, ऐसे मांग रहे मदद

DNA on Wheat Exports to Egypt and other Countries by India: वैश्विक राजनीति में भारत की ताकत निरंतर बढ़ती जा रही है. इस बात को आप एक और खबर से समझ सकते हैं. इस समय भारत किसी भी बड़े देश के मुकाबले पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मदद (India's Wheat Exports) कर रहा है. अमेरिका जैसे देश शांति के नाम पर हथियार बेच रहे हैं. चीन छोटे और गरीब देशों को कर्ज बेच रहा है. रशिया दुनिया को युद्ध दे रहा है और यूरोप के देश लोकतंत्र और मानवता पर लेक्चर दे रहे हैं. लेकिन ऐसे समय में भारत पूरी दुनिया को अनाज दे रहा है. दवाइयां दे रहा है. और कोविड की वैक्सीन दे रहा है.

भूख से परेशान इजिप्ट की मदद को आगे आया भारत

इन देशों के बीच भारत एक चमकते हुए सितारे की तरह दिखता है. आज जब पूरी दुनिया में अनाज को लेकर गम्भीर संकट की स्थिति है, तब मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि भारत दुनिया में अनाज की कमी को पूरा करने के लिए तैयार है. Egypt ने सोमवार को भारत सरकार के साथ एक लाख 80 हजार टन गेहूं खरीदने (India's Wheat Exports) का करार किया है. Egypt गेंहू का आयात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. दरअसल जब से रशिया और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ है, तब से Egypt में गेंहू का संकट काफी गम्भीर हो गया है. ऐसे मुश्किल वक्त में भारत सरकार ने उसकी मदद करने का फैसला किया है.

कई देशों को अनाज भेजने के लिए बढ़ाया हाथ

भारत हर साल 10 करोड़ 70 लाख Metric Ton गेहूं की पैदावार करता है. जिसमें से एक करोड़ Metric Ton गेहूं दूसरे देशों में भेजने के लिए तैयार है. इन देशों में Nigeria, Turkey, वियतनाम, यमन, सीरिया, अफगानिस्तान और Ethiopia जैसे देश प्रमुख हैं. इसके अलावा भारत सरकार ने गेंहू के निर्यात पर आंशिक प्रतिबंध भी लगाया हुआ है लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि जिन देशों को गेहूं की इस समय बहुत ज्यादा ज़रूरत है, भारत उनकी पूरी मदद करेगा.

इसके तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, इजरायल, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, ओमान, कतर, साउथ कोरिया और श्रीलंका जैसे देशों को भारत 18 लाख टन गेंहू का निर्यात (India's Wheat Exports) कर चुका है. इसके अलावा अफगानिस्तान को भारत सरकार ने इस साल 50 हजार Metric Ton गेहूं निर्यात करने का फैसला किया है, जिसमें से 33 हजार Metric Ton गेहूं की आपूर्ति की जा चुकी है.

संकट काल में विश्व गुरू बनकर उभरा भारत

गेंहू की पैदावार के मामले में भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा देश है. बड़ी बात ये है कि, भारत हर साल जितना गेहूं उगाता है, उसका कुछ प्रतिशत हिस्सा ही दूसरे देशों को निर्यात करता है. जबकि रशिया गेंहू का निर्यात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. लेकिन आज जब पूरी दुनिया अनाज के संकट से संघर्ष कर रही है तो रशिया इन देशों की मदद करने के लिए आगे नहीं आया है बल्कि ये काम भारत कर रहा है. जिसने 2020 में अपनी कुल पैदावार का एक प्रतिशत गेहूं भी दूसरे देशों में नहीं भेजा था. इस साल भारत ने एक करोड़ Metric Ton निर्यात (India's Wheat Exports) करने का लक्ष्य रखा है. जिससे पता चलता है कि इस संकट काल में भारत विश्व गुरु बनकर उभरा है.

दुनिया को समझा रहा 'वसुधैव कुटुंबकम' का मतलब 

एक मजबूत देश वो नहीं होता, जो शांति और मानवता के नाम पर युद्ध में हथियारों की सप्लाई करता है. जैसा अभी यूक्रेन में अमेरिका कर रहा है. एक मजबूत देश वो भी नहीं होता, जो दूसरे देशों को कर्ज के जाल में फंसा कर उन्हें निगलने की कोशिश करता है. जैसा श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान में चीन कर रहा है बल्कि एक मजबूत देश वो होता है, जो समस्या का समाधान लेकर आता है और जो मुश्किल समय में दुनिया के साथ खड़ा रहता है. पिछले कुछ वर्षों में भारत ने यही करके दिखाया है.

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