Trending Photos
Delhi garbage mountain: दिल्ली नगर निगम की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि निगम उन सभी झूठे आरोपों को सिरे से नकारता है जिसमें कहा गया है कि लैंडफिल साइट से आरडीएफ की ढुलाई की मद में निजी कंपनी को फरवरी 2020 में निगम द्वारा रू.3250/ प्रति मीट्रिक टन की दर से भुगतान करके 86 करोड़ रुपए का घोटाला/नुकसान हुआ है. निगम ने फरवरी 2020 से लेकर अगस्त 2022 तक ढुलाई की मद में रुपए 3250/ प्रति मीट्रिक टन की दर से भुगतान नहीं किया है जैसा कि दर्शाने की कोशिश की जा रही है बल्कि निगम ढुलाई की मद में होने वाले खर्च को तत्परता से कम करने में लगा रहा है तथा निगम को इसमें सफलता भी प्राप्त हुई है.
निगम की छवि को धूमिल करने की असफल कोशिश हो रही?
निगम ने यह स्पष्ट किया कि इन आरोपों का खण्डन निगम द्वारा पहले भी किया जा चुका है. आरोप निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया का ज्ञान न होना दर्शाता है. निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया गतिशील एवं बाजार के हालत के हिसाब से चलती है. इस संदर्भ में ऐसी कोई भी ऑडिट आपत्ति नहीं जताई गई है न ही कोई ऑडिट रिपोर्ट है जैसा कि दावा किया जा रहा है. यह झूठे आरोप निगम की छवि को धूमिल करने की असफल कोशिश है तथा निगम इन आरोपों को सिरे से नकारता है.
खर्चों को कम करने में जुटा निगम
निगम लगातार प्रयास करके लैंडफिल साइटों से कचरे की ढुलाई की मद में होने वाले खर्चे को कम कर रहा है. इसके साथ ही निविदा की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्णत पारदर्शी एवं सबके लिए खुली थी. लैंडफिल साइटों से कचरे की ढुलाई का कार्य किसी भी हालत में स्थगित या टाला नहीं जा सकता. फरवरी 2020 में ढुलाई के लिए 3250 रुपए प्रति मीट्रिक टन की सबसे कम बोली लगाने वाले को यह ठेका दिया गया था. यह ठेका तीन महीने कोरोना संबंधी लॉकडाउन की अवधि तक ही सीमित रहा. मई 2020 में लॉकडाउन के नियमों में छूट मिलते ही निगम ने ढुलाई का ठेका नया टेंडर कर नई एजेंसी को 1807.74 रुपए प्रति मीट्रिक टन में आवंटित किया. इसके साथ ही निगम ने ढुलाई की दरों में कमी के लिए अपने प्रयास लगातार जारी रखे तथा दिसंबर 2021 में इन्हे 1746 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से आवंटित किया गया था. मई 2022 में एक और निविदा आमंत्रित की गई थी जिसमे 810 रुपए प्रति मीट्रिक टन की बोली प्राप्त हुई थी किंतु और बेहतर दरें प्राप्त करने के लिए निगम ने इसे रद्द कर दिया था.
क्या हैं दरें?
निगम ने अगस्त 2022 से ढुलाई की मद में दी जाने वाली सब्सिडी 300/ रुपए प्रति मीट्रिक टन निर्धारित की है ( अगर उठाए जाने वाले कूड़े की मात्रा प्रति माह 5000 मीट्रिक टन से कम है ), रुपए 400/ प्रति मीट्रिक टन ( अगर उठाए जाने वाले कूड़े की मात्रा 5,000 से 7500 मीट्रिक टन प्रति माह है ),रुपए 450/ प्रति मीट्रिक टन( अगर उठाए जाने वाले कूड़े की मात्रा 7500 से 10000 मीट्रिक टन प्रति माह है), रुपए 500/ प्रति मीट्रिक टन ( अगर उठाए जाने वाले कूड़े की मात्रा 10000 मीट्रिक टन प्रति माह से अधिक है)
77 लाख मीट्रिक टन लेगेसी कचरे का निस्तारण
MCD का मानना है कि निगम लैंडफिल साइटों पर जमा निर्माण एवं विध्वंस कचरे एवं आरडीएफ के निस्तारण में तत्परता से लगा हुआ है जिससे कि उन्हें समतल किया जा सके. इसी दिशा में कार्य करते हुए निगम ने 77 लाख मीट्रिक टन लेगेसी कचरे का निस्तारण कर दिया है तथा किसी भी प्रकार की बाधाएं दिल्ली नगर निगम को इस लक्ष्य की पूर्ति करने से नहीं रोक सकती.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर