Corona Cases in India: मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की. इसमें उन्होंने कहा, 'कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है. कुछ राज्यों में मामले बढ़ने की रिपोर्ट्स हैं. यह बेहद जरूरी समय है, जब हमें अलर्ट पर रहना होगा और कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना होगा. मास्क और दो गज की दूरी ही इन्फेक्शन को फैलने से रोकेगा.'
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Coronavirus Cases: कोविड-19 के मामले फिर से कई राज्यों में रफ्तार पकड़ रहे हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन कवरेज और बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज बढ़ाने का अनुरोध किया है.
मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की. इसमें उन्होंने कहा, 'कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है. कुछ राज्यों में मामले बढ़ने की रिपोर्ट्स हैं. यह बेहद जरूरी समय है, जब हमें अलर्ट पर रहना होगा और कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना होगा. मास्क और दो गज की दूरी ही इन्फेक्शन को फैलने से रोकेगा.'
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कुछ जिलों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ने और राज्यों द्वारा कोविड टेस्टिंग कम करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वक्त पर टेस्टिंग से कोविड-19 के मामलों का पता चलेगा और इससे वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सख्त निगरानी करने और जीनोम सीक्वेंसिंग पर फोकस करने पर जोर दिया ताकि देश में नए वेरिएंट्स या नए म्यूटेंट की पहचान की जा सके.
मंडाविया ने फाइव फोल्ड स्ट्रैटजी- टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेशन और कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया. राज्यों से कोविड-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति के तहत ऑपरेशनल गाइडलाइंस को लागू करने को कहा गया है, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच, स्वास्थ्य सुविधाओं, लैबोरेट्री, कम्युनिटी की निगरानी पर केंद्रित है.
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कोविड वैक्सीनेशन की जरूरत पर जोर देते हुए मंडाविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से खुद हर घर दस्तक 2.0 कैंपेन के स्टेटस और प्रगति का मुआयना करने को कहा गया है. यह कैंपेन 1 जून से शुरू हुआ था. उन्होंने कहा, '12-17 साल के उम्र वाले सभी लाभार्थियों की पहचान करने की जरूरत है ताकि उन्हें वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज दी जा सके. इससे वह वैक्सीन की सुरक्षा के साथ स्कूल जा सकेंगे.' उन्होंने राज्यों से 12-17 वर्ष की आयु के समूहों को स्कूल आधारित कैंपेन के जरिए वैक्सीनेशन कवरेज पर फोकस करने को कहा है. इसके अलावा गर्मियों की छुट्टियों में जो छात्र-छात्राएं स्कूल नहीं जा रहे हैं, उन्हें भी वैक्सीनेशन में शामिल करने को कहा है.
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