MBBS Exam: याचिका का उल्लेख किए जाने पर, मुख्य न्यायाधीश ने स्नातक चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) 2019 का जिक्र करते हुए कहा, 'यह आपको प्रतिबंधित करता है. हम गुण-दोष के आधार पर मामले की सुनवाई करेंगे. हम इसे लिस्ट करेंगे.
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Supreme Court News: MBBS की परीक्षा में चार बार फेल हो चुके स्टूडेंट्स जब पांचवीं बार भी परीक्षा बैठने की अनुमति की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ काफी नाराज दिखे. उन्होंने भड़कते हुए कहा कि हम किस तरह के डॉक्टर बनाने जा रहे हैं. बेंच में जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल थे.
याचिका का उल्लेख किए जाने पर, मुख्य न्यायाधीश ने स्नातक चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) 2019 का जिक्र करते हुए कहा, 'यह आपको प्रतिबंधित करता है. हम गुण-दोष के आधार पर मामले की सुनवाई करेंगे. हम इसे लिस्ट करेंगे.'
क्या हुआ कोर्ट में?
छात्रों के वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की अपील की. इस पर सीजेआई ने कहा कि वो मामले को लिस्ट कराकर मैरिट के आधार पर सुनेंगे लेकिन जब वकील ने तारीख के लिए जोर दिया तो सीजेआई का पारा चढ़ गया.
सीजेआई ने कहा, ‘हम शिक्षा को बेहतर बनाने की कोशिशें कर रहे हैं. लेकिन क्या ये डॉक्टर बनेंगे. चार बार फेल हो चुके हैं और पांचवीं दफा एग्जाम में बैठने की अनुमति मांगने अदालत चले आए.’
‘दुनिया में कहीं भी इस तरह की अनुमति नहीं दी जाएगी’
सीजेआई ने छात्रों से पूछा कि क्या उनका यही काम है. इन सब चीजों में पड़ने की बजाए उन्हें अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी इस तरह की अनुमति नहीं दी जाएगी. हम किस तरह के डॉक्टर बनाने जा रहे हैं.
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि इन छात्रों ने कोविड महामारी के दौरान भी कोशिश की थी. वकील ने कहा कि याचिका नहीं सुनी गई तो 100 से अधिक छात्र डॉक्टर नहीं बन पाएंगे. इस पर सीजेआई ने कहा, 'अन्य छात्रों ने भी कोविड के दौरान परीक्षा पास की है.' उन्होंने कहा कि वो मामले पर गौर करके जल्दी तारीख देंगे.
बता दें 2019 में लागू हुए स्नातक चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) 2019 के मुताबिक मेडिकल के पाठ्यक्रम में किसी भी छात्र को पहले प्रोफेशनल एग्जाम को पास करने के लिए केवल चार बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा.
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