दोनों के पद और काम की वजह से रिश्ते में दरारें पैदा हो गईं और ये इतनी बढ़ गईं कि अब मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है. ज्योति मौर्य का पद उनके पति के मुकाबले काफी बड़ा है. यही नहीं उन्हें मिलने वाला वेतन भी आलोक से कहीं ज्यादा है.
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उत्तर प्रदेश में ज्योति मौर्य (Jyoti Maurya) और आलोक मौर्य (Alok Maurya) के शादी का रिश्ता अब अदलात तक पहुंच गया है. सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) ज्योति मौर्य ने पति आलोक मौर्य से तलाक लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है. ज्योति मौर्य के पति आलोक पंचायत राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी (सफाई कर्मचारी) के तौर पर कार्यरत हैं. उनका कहना है कि उनकी पत्नी ने उ्हें धोखा दिया है.
दरअसल, दोनों के पद और काम की वजह से रिश्ते में दरारें पैदा हो गईं और ये इतनी बढ़ गईं कि अब मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है. ज्योति मौर्य का पद उनके पति के मुकाबले काफी बड़ा है. यही नहीं उन्हें मिलने वाला वेतन भी आलोक से कहीं ज्यादा है.
SDM को कितनी मिलती है सैलरी?
उत्तर प्रदेश में एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) को बतौर वेतन शुरुआती दिनों में 77 हजार रुपये के करीब मिलते हैं. इसमें उनका बेसिक वेतन, डीए, एचआरए और टीए शामिल होता है. यूपी में एक एसडीएम की बेसिक सैलरी 56100 रुपये से 1,77,500 रुपये तक होती है. ये समय के साथ बढ़ती है. इसके अलावा उसे डीए के तौर पर बेसिक सैलरी का 38 परसेंट मिलता है यानी शुरू में ये 21,318 रुपये होता है. इसके अलावा शुरू में एचआरए 4488 रुपये मिलता है जो कि बढ़कर 15147 रुपये तक जा सकता है. एचआरए बेसिक का 8 से 27 फीसदी तक हो सकता है. एसडीएम को ट्रांसपोर्ट के लिए भी अलाउंस मिलता है जो कि 7200 रुपये से 10,000 रुपये तक हो सकता है. ऐसे में एक एसडीएम को शुरुआती दिनों में पीएफ और एनपीएस काटकर 77792 रुपये मिलते हैं. उनकी कुल सैलरी 92565 रुपये होती है. ज्योति मौर्य पिछले 6 साल से काम कर रही हैं. ऐसे में उनकी सैलरी भी बढ़ी ही होगी.
SDM को मिलने वाली सुविधाएं
एसडीएम को सुविधा के तौर पर सरकारी घर, सिक्योरिटी, माली, कुक, सरकारी गाड़ी, टेलिफोन कनेक्शन, फ्री बिजली और रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा दी जाती है.
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की सैलरी
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आलोक मौर्य ने 2009 में पंचायत राज विभाग में सफाई कर्मचारी के रूप में नौकरी शुरू की थी. यूपी में एक सफाई कर्मी (UP Safai Karmchari Salary) को वेतन के तौर पर 5,200 रुपये और 1800 ग्रेड पे होता है. इस हिसाब उन्हें शुरुआत में बेसिक 18000, डीए 6840 और एचआरए 5400 रुपये मिलता है. यानि एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की शुरू में सैलरी 30240 रुपये होती है. इसमें से पीएफ और एनपीएस को हटाने के बाद उन्हें 25,596 रुपये मिलते हैं.
आलोक भी 14 सालों से काम कर रहे हैं ऐसे में उनके वेतन में भी बढ़ोतरी हुई होगी. यूपी में सफाई कर्मी के रूप में काम करने वाले लोगों को अतिरिक्त लाभ के रूप में स्वास्थ्य बीमा, पेंशन योजना, शिक्षा अनुदान, बेरोजगारी भत्ता, कार्यकारी भत्ता और कार्यकारी भत्ता जैसी चीजें मिल सकती हैं.