Ancient Strongest Navy: सबसे दमदार नेवी वाला हिंदू राजा! 1000 साल पहले आधुनिक युद्धपोतों से इंडोनेशिया तक जमाई धाक
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Ancient Strongest Navy: सबसे दमदार नेवी वाला हिंदू राजा! 1000 साल पहले आधुनिक युद्धपोतों से इंडोनेशिया तक जमाई धाक

South India Kingdom: इस हिंदू राजा (Hindu King) ने भारत ही नहीं बल्कि साउथ ईस्ट के एशिया (South East Asia) के कई देशों तक अपने राज्य का विस्तार किया. इस राजा ने हिंद महासागर (Indian Ocean) के अधिकतर द्वीपों पर कब्जा जमा लिया था.

Ancient Strongest Navy: सबसे दमदार नेवी वाला हिंदू राजा! 1000 साल पहले आधुनिक युद्धपोतों से इंडोनेशिया तक जमाई धाक

Chola Kingdom: आपने मुगल काल (Mughal Era) और राजपूत राजाओं (Rajput Kings) की कई कहानियां सुनी होंगी लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एक हिंदू राजा (Hindu King) ऐसा भी था जिसके पास सबसे शक्तिशाली नेवी (Strongest Navy) थी. उसने अपनी नौसेना के दम पर हिंद महासागर (Indian Ocean) पर दशकों तक राज किया. माना जाता है कि इंडोनेशिया (Indonesia) और कंबोडिया समेत तमाम देशों में सनातन परंपरा की जो छाप दिखती है वो उसी साम्राज्य की वजह से है. इस हिंदू राजा ने पहले श्रीलंका को जीता और फिर हिंद महासागर के अधिकतर द्वीपों को अपने राज्य के आधीन कर लिया. कहा जाता है कि इस राज्य के पास उस समय के सबसे आधुनिक युद्धपोत थे. इसी के दम पर उन्होंने एक के बाद एक जीत हासिल की. आइए जानते है कि ये हिंदू राज कौन था और उसने कैसे इंडोनेशिया तक अपने राज्य की धाक जमाई थी.

किसने इंडोनेशिया तक कायम किया दबदबा?

बता दें कि हम किसी और की नहीं बल्कि पराक्रमी चोल वंश की बात कर रहे हैं. चोल वंश के दो राजाओं के बारे में सबसे ज्यादा बात होती है. उनके काल को दक्षिण भारत स्वर्ण युग भी कहा जाता है. चोल वंश में सबसे ज्यादा राजा राजराजा और उनके बेटे राजेंद्र प्रथम की चर्चा की जाती है. जहां राजा राजराज ने 985-1014 ईस्वी तक और उनके पुत्र राजेंद्र प्रथम ने 1012 से 1044 ईस्वी तक शासन किया था. इतिहास में दर्ज है कि चोल सेना के आगे साउथ-ईस्ट एशिया के तमाम देशों ने अपनी हार स्वीकार की और फिर चोलों के ही आधीन हो गए.

श्रीलंका से शुरू किया विजय अभियान

बता दें कि चोल राजा सिर्फ युद्ध नीति में ही निपुण नहीं थे. चोल साम्राज्य में बिजनेस पर भी काफी ध्यान दिया. चोल राज्य का बिजनेस आज से करीब 1 हजार साल पहले रोम-चीन तक फैला हुआ था. चोल शासकों का नाम उन पहले राजाओं में दर्ज हैं जिन्होंने भारत के बाहर किसी देश पर हमला किया. चोल राजा ने अपने विजय अभियान की शुरुआत श्रीलंका से की थी. बताया जाता है कि जब 1014 में राजेंद्र प्रथम राजा बने तो उन्होंने अपने साम्राज्य को बढ़ाते रखने का अभियान जारी रखा. इतना ही नहीं वे दक्षिण भारत के राज्य से भारत में उत्तर की तरफ बढ़े और फिर कलिंग तक अपना दबदबा कायम कर लिया था.

दक्षिण से बंगाल तक किया राज

जान लें कि चोल राजा ने बंगाल में पाल राजवंश को हराकर अपने राज्य का विस्तार किया था. इसके अलावा राजा राजेंद्र प्रथम ने कृष्णा नदी के किनारे गंगईकोंडाचोलपुरम नाम से अपनी नई राजधानी बसाई थी. बंगाल की खाड़ी पर चोल राजाओं का कब्जा था. तब इसे चोल झील कहा जाने लगा था. चोल वंश के राजाओं ने कई सदियों तक शासन किया जो उनकी महानता को बताता था. चोल राजा के समय राज्य के लोग कृषि में भी बहुत आगे थे. चोलों के राज्य में सिंचाई के लिए अच्छी व्यवस्था थी. यहां कई बांध बनवाए गए थे.

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