China की नई चाल से इंडियन नेवी अलर्ट, हिंद महासागर में ड्रैगन ने भेजा जासूसी जहाज; हो सकता है ये मकसद
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China की नई चाल से इंडियन नेवी अलर्ट, हिंद महासागर में ड्रैगन ने भेजा जासूसी जहाज; हो सकता है ये मकसद

Spy Ship In Indian Ocean: चीन (China) का जासूसी जहाज हिंद महासागर (Indian Ocean) में देखा गया है. जिसके बाद इंडियन नेवी अलर्ट हो गई है और चीन के जहाज पर लगातार नजर रख रही है.

हिंद महासागर में चीन का जासूसी जहाज

Chinese Spy Ship: चीन (China) अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है. चीन अपने पड़ोसियों पर कड़ी नजर रखता है और समय-समय पर हरकतें करता रहता है. इस बार चीन ने अपना एक जासूसी जहाज (Spy Ship) हिंद महासागर (Indian Ocian) में भेज दिया गया है. आशंका जताई जा रही है कि चीन ने भारत पर नजर रखने के लिए ये जासूसी जहाज हिंद महासागर में भेजा है. इसको लेकर इंडियन नेवी (Indian Navy) अलर्ट हो गई है. चीन का मकसद क्या है, इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इंडियन नेवी, चीन के जासूसी जहाज पर नजर बनाए हुए है.

चीन के जासूसी जहाज पर भारत की नजर

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, चीन का जहाज हिंद महासागर में है, लेकिन भारत के समुद्री सीमा से वो दूर है. फिर भी सुरक्षा के मद्देनजर इंडियन नेबी का अनमैंड एरियल व्हीकल (Unmanned Aerial Vehicle) चीन के जासूसी जहाज पर लगातार नजर बनाए हुए है.

पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है चीन

बता दें कि अपने पड़ोसियों पर नजर रखने के लिए चीन पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है. इसके अलावा सैटेलाइट लॉन्च पर नजर बनाए रखने के लिए भी चीन इस तरह के जहाज भेजता रहता है. हालांकि, चीन की तरफ से इस बार हिंद महासागर में जहाज भेजने का उद्देश्य पता नहीं चल पाया है.

चीन क्यों करता है विरोध?

गौरतलब है कि हिंद महासागर से भारत का मजबूत आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रिश्ता है. भारत का आयात-निर्यात बड़े पैमाने पर इसी हिंद महासागर के जरिए ही होता है. लेकिन चीन को ये सुहाता नहीं है कि भारत समेत बाकी देश हिंद महासागर के जरिए व्यापार करते हैं. चीन, हिंद महासागर के माध्यम से मुक्त व्यापार का विरोध करता है. वहीं, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका समेत कई देश हिंद महासागर में मुक्त व्यापार के पक्ष में हैं.

जान लें कि रूस और चीन ने यूरोपियन यूनियन, अमेरिका व 23 अन्य देशों द्वारा समर्थित योजनाओं को फिर से रोक दिया है ताकि अंटार्कटिका के आसपास समुद्र के तीन विशाल हिस्सों को अधिकांश मछली पकड़ने से बचाया जा सके. कई देश रूस की क्षमता और चीन के दखल से परेशान हैं. क्योंकि कई बार आम सहमति तक पहुंचने से पहले ही ये दोनों वीटो कर देते हैं.

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