Pangong China Bridge: लद्दाख में पैंगोग झील के पास चीन के पुल का काम पूरा, सैटेलाइट तस्वीरों में दिखी आवाजाही, भारत के लिए कितनी चिंता
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Pangong China Bridge: लद्दाख में पैंगोग झील के पास चीन के पुल का काम पूरा, सैटेलाइट तस्वीरों में दिखी आवाजाही, भारत के लिए कितनी चिंता

Laddakh Satellite Pics: लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बना यह पुल 1958 से चीन के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित है. यह नया बना पुल चीन की सेना को पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट के बीच तेजी से ट्रूप्स को आवाजाही करने में बड़ी मदद करने वाला है. 

 Pangong China Bridge: लद्दाख में पैंगोग झील के पास चीन के पुल का काम पूरा, सैटेलाइट तस्वीरों में दिखी आवाजाही, भारत के लिए कितनी चिंता

Pangong Lake Bridge: पड़ोसी देश चीन ने लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास 400 मीटर लंबे पुल का निर्माण पूरा कर लिया है. यह पुल 1958 से चीन के कब्जे वाले इलाके में बना है. यह नया बना पुल चीन की सेना को पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट के बीच तेजी से ट्रूप्स को आवाजाही करने में बड़ी मदद करने वाला है. भारत के लिए इस पुल के निर्माण पर चिंता होना स्वाभाविक है.

पिछले साल भी दिखी थी चीन के इस पुल की हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेज

एनडीटीवी ने पहली बार जनवरी 2022 में अपनी एक एक रिपोर्ट में चीन के इस पुल की हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेज पब्लिश की थीं. इस महीने 22 जुलाई को उसने नई सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए दिखाया है कि चीन के पुल को ब्लैक-टॉप कर दिया गया है और उस पर हल्के मोटर वाहन आवाजाही रहे हैं. इसका मतलब है कि लंबे समय से पूर्वी लद्दाख में अपना मिलिट्री बेस मजबूत करने में जुटा चीन कुछ हद तक कामयाबी की ओर बढता दिख रहा है. 

सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट और रिसर्चर डेमियन साइमन ने क्या कहा

इंटेल लैब के सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट और रिसर्चर डेमियन साइमन कहते हैं, "पैंगोंग झील पर नया पुल चीनी सेना को तेजी से सेना की तैनाती के लिए एक सीधा और छोटा रास्ता मुहेया कराता है. पहले, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को संघर्ष क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए झील के पूरे पूर्वी हिस्से को नेविगेट करना पड़ता था. इस लंबे चक्कर से उसके एक्टिव वार जोन में रिस्पॉन्स टाइम में बाधा आती थी." 

पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट के बीच तेजी से आवाजाही में मदद

ऐसा माना जाता है कि नए पुल के निर्माण से पैंगोंग झील के दोनों किनारों के बीच की यात्रा दूरी में लगभग 50-100 किलोमीटर या यात्रा समय में कई घंटे की कटौती हो सकती है. यह पुल चीनी सेनाओं को पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट के बीच तेजी से अपनी टुकड़ियों को भेजने में मददगार होगा. यह पुल उत्तरी तट पर मौजूदा सड़क नेटवर्क से जुड़ता है जो खुरनाक किले की ओर जाता है.

भारत ने स्वीकार नहीं किया पैंगोंग के पास 60 वर्षों से चीन का अवैध कब्जा

विदेश मंत्रालय ने इस ताजा घटनाक्रम पर साफ कहा है, "यह पुल उन क्षेत्रों में बनाया जा रहा है जो लगभग 60 वर्षों से चीन के अवैध कब्जे में हैं. जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत ने इस तरह का अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है." नई सैटेलाइट इमेज पैंगोंग के उत्तरी तट पर नए पुल को मौजूदा सड़क नेटवर्क से जोड़ने वाली सड़क तक पहुंचती दिखाती हैं. यह सड़कनुमा प्राचीन तिब्बती संरचना खुरनाक किले की ओर जाती है. चीन ने जुलाई 1958 में क्षेत्र में भारतीय सेना की पिछली गश्तों के बावजूद खुरनाक किले पर नियंत्रण हासिल कर लिया था.

पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भी चीन ने एक नई सड़क का निर्माण किया 

झील के दक्षिणी तट पर भी एक नई सड़क का निर्माण किया गया है, जो पुल को एक चीनी गैरीसन शहर और मशहूर वार वैपन स्टोर रुतोग किले से जोड़ती है. यह पुल चीन की अग्रिम और गहराई वाली सेनाओं के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाता है, जो अपने फायदे के लिए भारत के खिलाफ अपने क्षेत्रीय दावों को मजबूत करने की चीन की प्रतिबद्धता को सामने लाता है. चीन ने पूरी सड़क को ब्लैक टॉप कर दिया गया है. 

मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में LAC पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प

मई 2020 की शुरुआत में, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों का एक सिलसिला शुरू हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक,  पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तर में स्थित गलवान घाटी में कार्रवाई में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे. चीन का दावा है कि लड़ाई में उसके चार सैनिक मारे गए. हालांकि, जांच रिपोर्टों से पता चला है कि उसकी वास्तविक संख्या 40 के करीब थी.

पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर भी दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. हालांकि, भारत और चीन एक नो वार जोन बनाकर क्षेत्र में तनाव कम करने पर सहमत हुए थे. इसके तहत चीन ने "फिंगर 4" और "फिंगर 8" के बीच बनाई गई दर्जनों संरचनाओं को हटा दिया. 

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चीन के साथ झड़प के बाद भारत ने लद्दाख में बुनियादी ढांचे के विकास को तेज किया

चीन के साथ झड़प के बाद से, भारत ने लद्दाख में बुनियादी ढांचे के विकास को तेज कर दिया है. इस क्षेत्र में हर मौसम में पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सुरंगें खोली जा रही हैं. साल 2021 में अकेले लद्दाख में 87 पुलों का निर्माण किया गया. 2022 में, सरकार ने चीन के साथ सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपए से अधिक 18 प्रमुख परियोजनाएं लद्दाख के लिए तय की.

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