कश्मीर में 'चिल्लई कलां' की शुरुआत, बदल जाएगा मौसम.. फिरन दिवस भी मनाया गया
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कश्मीर में 'चिल्लई कलां' की शुरुआत, बदल जाएगा मौसम.. फिरन दिवस भी मनाया गया

Chillai Kalan: 'चिल्लई-कलां' 30 जनवरी को खत्म हो जाएगा, इसका मतलब सर्दी का अंत नहीं है. इसके बाद 20 दिन की लंबी अवधि 'चिल्लई-खुर्द' आती है जो 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच होती है और 10 दिन की लंबी अवधि 'चिल्लई-बच्चा' होती है जो 20 फरवरी से 1 मार्च तक होती है. 

कश्मीर में 'चिल्लई कलां' की शुरुआत, बदल जाएगा मौसम.. फिरन दिवस भी मनाया गया

Jammu Kashmir Culture: कश्मीर में 40 दिनों की भीषण अवधि ठंड की 'चिल्लई-कलां' गुरुवार को कठोर ठंड के साथ  शुरू हो गई है. श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. वहीं ऐतिहासिक लाल चौक पर चिल्लई-कलां की आमद पर अंतरराष्ट्रीय फिरन दिवस मनाकर इस का स्वागत किया गया है. श्रीनगर में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.8 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा, केवल श्रीनगर ही नहीं कश्मीर और लद्दाख में किसी भी स्थान पर तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज नहीं किया गया.

भीषण ठंड के कारण कश्मीर में कई स्थानों पर पानी के नल जम गये और कई जगहों पर जलस्रोत भी जम गए. काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.0 डिग्री सेल्सियस नीचे, पहलगाम में शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. प्रसिद्ध स्कीइंग रिसॉर्ट गुलमर्ग में तापमान शून्य से 3.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. लद्दाख अधिक कांप उठा, लेह में तापमान शून्य से 11.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, कारगिल में शून्य से 9.4 डिग्री सेल्सियस नीचे और लद्दाख में सबसे ठंडा रहा द्रास जहां शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया. 

'चिल्लई-कलां' 30 जनवरी को खत्म हो जाएगा, इसका मतलब सर्दी का अंत नहीं है. इसके बाद 20 दिन की लंबी अवधि 'चिल्लई-खुर्द' आती है जो 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच होती है और 10 दिन की लंबी अवधि 'चिल्लई-बच्चा' होती है जो 20 फरवरी से 1 मार्च तक होती है. इसे कश्मीर में एक त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है और कश्मीर की शीतकालीन परंपराओं पर प्रकाश डाला जाता है. इसी कड़ी में ऐतिहासिक लाल चौक पर कड़ाके की ठंड के बावजूद 'अंतर्राष्ट्रीय फिरन दिवस' मनाया गया. कश्मीर के युवा यह संदेश देने के लिए फैशनेबल फिरन पहनकर रैंप वाक किया ताकि इस पारंपरिक पोशाक है जो शरीर को ठंड से बचाने के लिए इस्तेमाल की जाती है, को दुनिया भर में पहचान मिल सके.

इसके आयोजकों में से एक कामरान अहमद ने कहा कि अभी ठण्ड बहुत ज़्यादा हैं तभी हम अपने कल्चर को रिप्रेजेंट कर रहे ताकि इस ठंड से बचे यही हेम ठंड से बचाये. इसी बीच भीड़ के बीच एक मोदी प्रशंसक ने पीएम मोदी के होर्डिंग पर फिरन लगाया. उधर मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में "आम तौर पर शुष्क" और ठंडे मौसम की भविष्यवाणी की है और तापमान में और गिरावट की भविष्यवाणी की है.

23 दिसंबर को मौसम आमतौर पर बादल छाए रहने की उम्मीद है और अलग-अलग ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की भी संभावना है. 24-28 दिसंबर तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहने की उम्मीद है. 

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