क्या चुनावी मौसम में 370 पर घिर गई कांग्रेस, पीएम मोदी ने कहा,'कश्मीर में कुछ नहीं कर पाओगे'
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क्या चुनावी मौसम में 370 पर घिर गई कांग्रेस, पीएम मोदी ने कहा,'कश्मीर में कुछ नहीं कर पाओगे'

Article 370: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में धारा 370 की बहाली के प्रस्ताव पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. चुनावी माहौल के बीच पास हुए बहाली के प्रस्ताव पर भाजपा के दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में कुछ नहीं कर पाएगी. 

क्या चुनावी मौसम में 370 पर घिर गई कांग्रेस, पीएम मोदी ने कहा,'कश्मीर में कुछ नहीं कर पाओगे'

Article 370: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस पार्टी धारा 370 को लेकर एक बार फिर घिर गई है. भाजपा के दिग्गज नेताओं ने चुनावी प्रचार के दौरान इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है. हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इस पर कहा है कि कांग्रेस और एनसी वाले फिर से 370 को लाने की बात कह रहे हैं जिसे अब दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती.

'कांग्रेस कश्मीर में कुछ नहीं कर पाएगी'

प्रधानमंत्री मोदी ने इस चुनावी मौसम में महाराष्ट्र में अपनी पहली रैली में कहा,'महाराष्ट्र को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की साजिशों को समझना चाहिए. देश धारा-370 पर इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा. जब तक मोदी है, कांग्रेस कश्मीर में कुछ नहीं कर पाएगी. वहां केवल भीम राव अंबेडकर का संविधान चलेगा. कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती.' प्रधानमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा,'यहां पाकिस्तान का एजेंडा आगे न बढ़ाए और कश्मीर के लिए अलगाववादियों की भाषा न बोले.' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव का विरोध करने वाले भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया गया.

'चार पुश्तें भी आएंगी तो धारा 370  वापस नहीं आएगी'

गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा और कहा कि इन लोगों की चार पुश्तें भी आएंगी तो 370 को वापस नहीं ला सकेंगी. सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा'कश्मीर की असेंबली में मीटिंग हुई. नेशनल कांफ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक रेजुलेशन किया कि धारा 370 वापस लाइए. मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कहकर जाता हूं कि शरद पवार साहब आपकी चार पुश्तें भी आएंगी तो धारा 370 हम वापस नहीं लाएंगे. '

370 जैसा होगा कांग्रेस का हाल:

पीएम मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा. उन्होंने एक प्रोग्राम में कहा,'वे जम्मू-कश्मीर के विकास और उसके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना करने में असमर्थ हैं. देश उनकी विभाजनकारी नीतियों को कभी कबूल नहीं करेगा. सभी 140 करोड़ भारतीय देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं और उचित योगदान देने के लिए तैयार हैं.' सीएम योगी ने आगे कहा,'अगर कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में रखे गए एनसी के प्रस्ताव का विरोध नहीं किया, तो उसे अनुच्छेद 370 और 35ए के समान ही भाग्य का सामना करना पड़ेगा.'

J&K विधानसभा में क्या हो रहा है?

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन विपक्षी विधायकों के बीच हाथापाई की घटना देखने को मिली. केंद्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करने वाले प्रस्ताव को लेकर यह घटना हुई. कुपवाड़ा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक द्वारा अनुच्छेद 370 की बहाली के समर्थन में बैनर दिखाए जाने के बाद सदन में हाथापाई शुरू हो गई. इस दौरान भाजपा विधायकों को 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए देखा गया. इस दौरान, विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के आदेश पर सदन के वेल में प्रवेश करने वाले भाजपा विधायकों को बाहर निकाल दिया गया.

370 की बहाली वाले प्रस्ताव में क्या है?

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने धारा 370 की बहाली से संबंधित प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया था, जो बहुमत के साथ पास हो गया. प्रस्ताव में मांग की गई थी कि:-

यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू और कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की और उनके एकतरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है.
➤ यह विधानसभा भारत सरकार से विशेष दर्जे, संवैधानिक गारंटी की बहाली के लिए जम्मू और कश्मीर के लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने और इन प्रावधानों को बहाल करने के लिए संवैधानिक तंत्र तैयार करने का आह्वान करती है.
➤ यह विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि बहाली के लिए किसी भी प्रक्रिया को राष्ट्रीय एकता और जम्मू और कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं दोनों की रक्षा करनी चाहिए.

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