Buddhist monks came india: संगवोल सोसाइटी इंडिया पिल्ग्रिमेज की तरफ से आ रहा दल भारत और नेपाल के 7 बुद्धिस्ट स्थलों की यात्रा करेगा. यह दल 43 दिनों की यात्रा के दौरान 1100 किलोमीटर का पैदल सफर तय करेंगा. उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ-साथ विदेश मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय की तरफ से सभी बौद्ध भिक्षुओं की यात्रा के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं.
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Buddhist monk news: मोदी सरकार की बुद्धिस्ट डिप्लोमेसी का असर अब भारत में देखने को मिलने लगा है. इतिहास में पहली बार कोरिया से इतनी बढ़ी संख्या में 108 बौद्ध भिक्षुओं का दल भारत में धार्मिक यात्रा के लिए आएगा. संगवोल सोसाइटी इंडिया पिल्ग्रिमेज की तरफ से आ रहा दल भारत और नेपाल के 7 बुद्धिस्ट स्थलों की यात्रा करेगा. भारत बाैद्ध धर्म का एक अहम तीर्थ स्थल है. यह दल 43 दिनों की यात्रा के दौरान 1100 किलोमीटर का पैदल सफर तय करेंगा. उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ-साथ विदेश मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय की तरफ से सभी बौद्ध भिक्षुओं की यात्रा के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं.
बौद्ध नीति के सहारे संबंधों को दी नई दिशा
भारत बौद्ध धर्म का एक अहम तीर्थ स्थल है. दुनिया भर की 97प्रतिशत बौद्ध आबादी एशिया के देशों में रहती है. पिछले कुछ सालों में दुनिया के 39 देशों में भारत ने इसी बौद्ध नीति के सहारे अपने संबंधों को नई दिशा प्रदान की है. 9 फरवरी से शुरू होने वाली यात्रा को लेकर कोरिया के राजदूत चांग जे बोक ने कहा कि साल 2023 भारत और कोरिया के डिप्लोमेटिक रिश्तो के हिसाब से काफी अहम है. भारत और कोरिया जहां आपसी संबंधों की 50 वीं वर्षगांठ मना रहा है. वहीं कोरिया जी20 को सफल बनाने के लिए भारत के साथ है.
क्या बोले सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव
सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव अप्रूव चंद्रा ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि भारत में बौद्ध व पर्यटन सर्किट को दुनिया के सामने लाया जाए. सर्किट पर्यटकों को भगवान बौद्ध की शिक्षाओं का अनुभव करने में मदद करता है. बुद्ध के जीवन काल के दौरान उनके पद चिन्हों का पता लगता है. भारत सॉफ्ट पावर के दम पर एशिया के ज्यादातर देशों से जोड़ रहा है. जिसकी वजह से भारत के प्रति इन देशों में काफी सम्मान है.
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