जब महाराष्ट्र में बीजेपी विपक्ष में थी तब इस घोटाले के खिलाफ आवाज उठायी थी, लेकीन सत्ता में आने के बाद फडणवीस सरकार ने कोई भी कार्रवाई नहीं की.
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मुम्बई : महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में तात्कालिन संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया? यह सवाल बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पूछा है. इस संचालक मंडल में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के नेता शामिल थे.
इसमें सबसे जादा संख्या एनसीपी के नेताओं की थी. अजित पवार, विजय सिंह मोहिते पाटील, गिलीप सोपल ये सभी एनसीपी के नेता हैं जो संचालक मंडल में शामिल थे. वहीं, शिवसेना के आंनदराव अडसूल और बीजेपी के दिवंगत नेता पांडुरंग फुंडकर भी संचालक मंडल में शामिल थे.
जब महाराष्ट्र में बीजेपी विपक्ष में थी तब इस घोटाले के खिलाफ आवाज उठायी थी, लेकीन सत्ता में आने के बाद फडणवीस सरकार ने कोई भी कार्रवाई नहीं की. आरोप है कि चीनी और कॉटन मिल्स को नियमों को ताक पर रखकर कर्ज दिए गए. कर्ज की वसूली नहीं की गई. कैग और नाबार्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही थी.
इससे खिलाफ सुरीद्र अरोरा नाम के शख्स ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. मामला कोर्ट तक पहुंचा. उनका कहना है कि तत्कालिन दोषी संचालक में से दो बीजेपी में शामिल हो गए. बाकी भी जाने की फिराक में हैं. ऐसे में इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है.
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