देवाधिदेव की नगरी में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का आगाज हो चुका है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु सुल्तानगंज से कावर यात्रा करते हुए 105 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं और देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं. रास्ते में धूप बारिश और गर्मी की परवाह किए बगैर ओम नमः शिवाय बोल बम के नारे लगाते हुए नाचते गाते शिव की नगरी पहुंचकर बाबा बैद्यनाथ के ऊपर जल अर्पण करने के लिए लंबी कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार बड़े ही उत्सुकता के साथ करते हैं. जैसे ही बाबा बैजनाथ के ऊपर जल अर्पित करते हैं निकास द्वार से निकलने के बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता. हर हर महादेव बोल बम का नारा लगाते हुए अपने साथी से गले मिलकर बाबा से अपनी दुखड़ा सुना कर अपने समस्त दुखों का निवारण के लिए बाबा से गुहार लगाते हैं. शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि जो कोई भक्त बाबा बैद्यनाथ धाम में आकर मनोकामना लिंग की पूजा अर्चना करते हैं उनको सारे दुखों से मुक्ति मिलती है. जिस प्रकार की कामना भक्त करते हैं बाबा भोलेनाथ उनकी मनोरथ पूर्ण करते हैं. यही वजह है कि लोग इतनी बड़ी तादाद में सावन महीने में कांवर लेकर बाबा की पूजा अर्चना करते हैं.