Saharsa Farming: कम जमीन पर सब्जी की खेती और मत्स्य पालन कर किसान कमा रहे लाखों, प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर बनने से हुए प्रेरित
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Saharsa Farming: कम जमीन पर सब्जी की खेती और मत्स्य पालन कर किसान कमा रहे लाखों, प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर बनने से हुए प्रेरित

Saharsa Farming: बदलते मौसम और कम हो रही जमीन के कारण किसानों ने अब पारंपरिक खेती को छोड़ सब्जी, केले की खेती के साथ ही बायो फ्लॉक के जरिये मछली पालन कर सालाना लाखों रुपये की कमाई करना शुरू कर दिया है.

सब्जी की खेती और मत्स्य पालन कर किसान कमा रहे लाखों

सहरसाः Saharsa Farming: बदलते मौसम और कम हो रही जमीन के कारण किसानों ने अब पारंपरिक खेती को छोड़ सब्जी, केले की खेती के साथ ही बायो फ्लॉक के जरिये मछली पालन कर सालाना लाखों रुपये की कमाई करना शुरू कर दिया है. ऐसे ही एक किसान सहरसा जिले के बनगांव के रहने वाले टुन्ना मिश्र है. 

गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर में सेल्स मेन का काम करने वाले सहरसा के रहने वाले किसान टुन्ना मिश्र कोरोना काल में नौकरी छोड़कर अपने घर लौट आए और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर बनने से प्रेरित होकर अपने गांव में सबसे पहले मतस्य पालन शुरू किया. जिससे उनकी आमदनी बढ़ी तो उन्होंने बदलते मौसम को देखते हुए समेकित और तकनीकी खेती करने का सोचा. 

उन्होंने तालाब के किनारे पर सभी तरह की सब्जी जो पूर्णरूपेण जैविक है उसकी खेती करनी शुरू कर दी. इसके साथ ही तालाब में मखाना और तालाब किनारे फलदार पेड़ जैसे केला, अमरूद, नींबू, आम और कई तरह की सब्जी की खेती शुरू कर दी, इसके अलावा मधुमक्खी पालन कर शहद का उत्पादन करने लगे. जिससे उन्हें इन सबसे अच्छी खासी आमदनी हो रही है.  

वहीं केले का फल लेने के बाद इसके पेड़ को काटकर तालाब में फेंक दिया जाता है. जिससे मछली को भोजन और ऑक्सीजन भी मिल जाता है. वहीं इन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत सभी जगहों पर मिनी स्प्रिंकलर लगाकर सिंचाई भी कर लेते है. जिससे समय की बचत के साथ-साथ मजदूरी भी नहीं लगती है. इतना ही नहीं किसान टुन्ना मिश्र ने बताया कि तालाब में भी जल्दी बढ़ने वाली मछली पंगास डाल दिया. जिससे हमें कम समय में अच्छी आमदनी होने लगी. 

तालाब के ऊपर बायो फ्लॉक के पांच टेक लगाकर मछली पालन भी कर रहे है. जिसके कारण उन्हें मछली से ही सालाना 3-4 लाख रुपये आमदनी हो रही है. आज के समय में किसान टुन्ना मिश्र युवा एवं किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए है. आज किसान टुन्ना मिश्र ने अपने गांव के 15-20 लोगों को रोजगार भी दे रखा है. 

इस संबंध में जिला उधान पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि टुन्ना मिश्र काफी प्रोग्रेसिव किसान है. वे कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन का काम कर रहे है. टुन्ना मिश्र को उन्नत किसान के लिए अवार्ड भी मिला है. उन्हें राज्यपाल भवन में हो रहे आम प्रदर्शनी में सहरसा जिले किसान के रूप में सिलेक्ट किया गया है. आजमाकर के युवा को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. 

इस तरह अगर देखा जाए तो बाहर काम करने वाले युवाओं और बेरोजगार युवक जो रोजगार की तलाश में भटकते है वे टुन्ना मिश्र की तरह खेती और मत्स्य पालन से खुद के रोजगार से घर पर ही लाखों रुपये कमा सकते है और कई लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं.
इनपुट- विशाल कुमार, सहरसा 

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