JDU Executive Meeting: नीतीश कुमार ने क्यों बुलाई कार्यकारिणी बैठक, क्या फिर से चौंका सकते हैं CM?
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JDU Executive Meeting: नीतीश कुमार ने क्यों बुलाई कार्यकारिणी बैठक, क्या फिर से चौंका सकते हैं CM?

Bihar Politics: बिहार में चर्चा है कि केंद्र में गठबंधन की सरकार चलाने के बाद भी पीएम मोदी ने सहयोगियों को कुछ खास नहीं दिया और सारे अहम मंत्रालय बीजेपी ने अपने पास रख लिए. मोदी कैबिनेट 3.0 में जेडीयू को कम महत्व वाले विभाग देने से नीतीश कुमार खफा बताए जा रहे हैं. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

JDU Executive Meeting: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी 29 जून को दिल्ली में अपनी पार्टी जेडीयू की कार्यकारिणी बैठक बुलाई है. बैठक की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री करने वाले हैं, क्योंकि इस वक्त वही पार्टी अध्यक्ष भी हैं. जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को शामिल होने का निर्देश दिया गया है. यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब जेडीयू की कार्यकारिणी बैठक से ठीक पहले लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होना है. जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी दोनों की इस कुर्सी पर नजर है, लेकिन मीडिया के सामने गठबंधन धर्म निभाने की बात कह रही हैं. इस मीटिंग को लेकर बिहार में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, जिससे चर्चाओं का बाजार भी गरम हो गया है. 

JDU ने क्यों बुलाई कार्यकारिणी बैठक?

बिहार में चर्चा है कि केंद्र में गठबंधन की सरकार चलाने के बाद भी पीएम मोदी ने सहयोगियों को कुछ खास नहीं दिया और सारे अहम मंत्रालय बीजेपी ने अपने पास रख लिए. मोदी कैबिनेट 3.0 में जेडीयू को कम महत्व वाले विभाग देने से नीतीश कुमार खफा बताए जा रहे हैं. हालांकि, जेडीयू की ओर से हमेशा कहा गया है कि वह बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं. जेडीयू की कार्यकारिणी बैठक को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी के सीनियर नेताओं से विचार-विमर्श करके केंद्र सरकार को अपनी डिमांड का एक ज्ञापन सौंप सकते हैं. इसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी शामिल हो सकती है. कुछ लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने की सोच रहे हैं. 

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क्या नीतीश कुमार फिर से चौंका सकते हैं?

विपक्ष लगातार कह रहा है कि केंद्र में एनडीए गठबंधन की सरकार 6 महीने भी नहीं चल सकती है. नीतीश कुमार की पलटने वाली आदत से सभी वाकिफ हैं. इससे बीजेपी के को भी ये डर सता जरूर रहा होगा. लोकसभा स्पीकर के चुनाव के ठीक बाद जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक से बीजेपी खेमे की सांसे बढ़ी हुई हैं, क्योंकि पिछली बार जब जेडीयू की कार्यकारिणी बैठक हुई थी तो बिहार सरकार बदल गई थी. ऐसे में सवाल ये है कि क्या नीतीश कुमार फिर से चौंका सकते हैं. हालांकि मुख्यमंत्री के कामकाज की शैली को समझने वाले जानकार ऐसा नहीं मानते हैं.

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कार्यकारिणी बैठक में क्या हो सकता है?

उनका कहना है कि सिर्फ 12 सांसदों के भरोसे नीतीश कुमार ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे. उन्हें पता है इससे मोदी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वह अभी बिहार के लिए स्पेशल दर्जे की मांग भी नहीं उठाएंगे, क्योंकि यह मांग वह हमेशा एनडीए से बाहर होने पर करते हैं. समय से पहले विधानसभा चुनाव भी नहीं कराए जाएंगे, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने अगले चुनाव में भी उनका नेतृत्व स्वीकार कर लिया है, इसलिए उनकी कुर्सी सुरक्षित है. कुछ लोगों का कहना है कि इस बैठक में लोकसभा चुनाव परिणामों पर चर्चा होगी और विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. कुछ सीटों पर जेडीयू काफी कम अंतर से हारी है और कुछ पर जीत का मार्जिन काफी कम रहा. इन सीटों के लिए विशेष रणनीति तैयार की जा सकती है. 

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