आधे दशक से भी अधिक समय से कोसी और मिथिलांचल क्षेत्र में हाई डैम बनाने को लेकर माथापच्ची चल रही है और अभी तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है. अमित शाह की ओर से संजय झा को मिले आश्वासन से इस बार किसी ठोस नतीजे की उम्मीद की जा सकती है.
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पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में रविवार को बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने अमित शाह से नेपाल से सटे कोसी और मिथिलांचल के इलाकों में हाई डैम बनाने की मांग की. संजय झा ने हाई डैम बनाने को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया, जिससे गृह मंत्री अमित शाह खासे प्रभावित हुए. प्रेजेंटेशन को देखने के बाद अमित शाह बोले, आप पूरी डीटेल दीजिए. इसमें जो भी मदद हो सकती है, मैं करूंगा. बता दें कि बिहार का कोसी और मिथिलांचल का इलाका हर साल बरसात के दिनों में बाढ़ से प्रभावित होता रहता है. बाढ़ से निजात दिलाने को लेकर ठोस कोशिशों की दिशा में संजय झा ने नेपाल से सटे इलाकों में एक हाई डैम की परिकल्पना प्रस्तुत की है. अगर संजय झा का यह सपना साकार हो जाता है तो कोसी और मिथिलांचल को न केवल बाढ़ से निजात मिलेगी, बल्कि हर साल होने वाले जान और माल की बर्बादी भी रुक जाएगी और क्षेत्र को खुशहाल होने से कोई रोक नहीं सकता.
एजेंडे में नहीं था हाई डैम का मसला, फिर भी प्रेजेंटेशन
नीतीश कुमार के सपने को पूरा कराने की राह पर संजय झा
कोसी डैम को लेकर 2002 में बिहार के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात का ही असर था कि भारत और नेपाल के बीच एक समझौता हुआ है और 2004 में नेपाल में दोनों देशों का एक संयुक्त कार्यालय खोला गया था. इसके बाद 2006 में कोसी डैम को लेकर डीपीआर भी तैयार किया गया था. इस तरह कोसी और मिथिलांचल क्षेत्र को बाढ़ से राहत दिलाने का सपना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देखा था और आज उनके जल संसाधन मंत्री संजय झा इस सपने को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं.
मिथिलांचलवासी होने के नाते संजय झा ने झेला है बाढ़ का दर्द
संजय झा मिथिलांचल से आते हैं और बाढ़ की विभीषिका को उन्होंने झेला है. इसलिए जल संसाधन मंत्री होने के नाते उन्होंने बाढ़ से क्षेत्रवासियों को राहत दिलाने की पुरजोर कोशिश शुरू कर दी है. इस कोशिश को एक बल मिला है केंद्रीय गृह मंत्री के आश्वासन से. राजनीति अपनी जगह है, लेकिन अगर संजय झा की कोशिशें परवान चढ़ीं और अमित शाह ने अपनी ओर से इसे पूरा कराने में मदद की तो न केवल कोसी और मिथिलांचल, बल्कि पूरे उत्तर बिहार का कायाकल्प हो जाएगा.