बीजेपी ने इस बार बिहार में क्लीन स्वीप करने का लक्ष्य रखा है. पार्टी इसके लिए अपने कम से कम 10 सिटिंग सांसदों के टिकट काट सकती है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नॉन परफार्मेंश सांसदों की लिस्ट तैयार हो चुकी है और उसे दिल्ली आलाकमान को पेश भी कर दिया गया है.
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देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर सभी दल अपनी-अपनी तैयारी करने में जुटे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 की सबसे ज्यादा लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा गहमागहमी बिहार में देखने को मिल रहा है. बीजेपी का यहां मुकाबला महागठबंधन से होने वाला है. इसके बाद भी भगवा पार्टी ने क्लीन स्वीप करने का लक्ष्य रखा है. पार्टी इसके लिए अपने कम से कम 10 सिटिंग सांसदों के टिकट काट सकती है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नॉन परफार्मेंश सांसदों की लिस्ट तैयार हो चुकी है और उसे दिल्ली आलाकमान को पेश भी कर दिया गया है.
जिन सांसदों का टिकट कटने वाला है, उनमें कुछ नॉन परफार्मेंश के दायरे में आते हैं, जबकि कुछ सांसदों पर उम्र फैक्टर हावी हो रहा है. वहीं कुछ की सीटें इधर-उधर की जाएंगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सारण से राजीव प्रताप रूढ़ी, मोतिहारी से राधा मोहन सिंह, बेगूसराय से गिरिराज सिंह, शिवहर से रमा देवी, बक्सर से अश्विनी चौबे, पटना साहिब से रवि शंकर प्रसाद, सासाराम से छेदी पासवान और दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर सहित मधुबनी से अशोक यादव का टिकट कट सकता है.
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और नार्थ-ईस्ट दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी अब बिहार की राजनीति करते हुए नजर आएंगे. जानकारी के मुताबिक, पार्टी आलाकमान अब उन्हें बिहार भेजने की तैयारी कर रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बिहार की बक्सर सीट से टिकट दिया जा सकता है. वहीं बक्सर से मौजूदा सांसद अश्विनी चौबे को बढ़ती उम्र के कारण टिकट मिलने की संभावना कम है. बक्सर को मिनी काशी कहा जाता है. ब्राह्मण बाहुल्य सीट होने के कारण मनोज तिवारी के जीतने की उम्मीद भी ज्यादा है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उजियारपुर से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की सीट भी बदली जा सकती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी उजियारपुर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. वहीं नित्यानंद राय भी अपनी सीट को बदलना चाहते हैं. वो अब किसी दूसरी सीट को तलाश रहे हैं. बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह भी सीट बदलने की कोशिश में लगे हैं. उनको इस बार नालंदा से टिकट दिया जा सकता है. वैसे भी पिछली बार गिरिराज सिंह को उनकी मर्जी के बिना बेगूसराय भेजा गया था.
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सारण से सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी का टिकट कट सकता है. वैसे भी एंबुलेंस मामला सामने आने के बाद से राजीव प्रताप रूढ़ी मीडिया से दूर हैं. मोतिहारी से राधा मोहन सिंह पर उम्र फैक्टर भारी पड़ रहा है. इसके अलावा वो अपने क्षेत्र से ज्यादातर वक्त बाहर रहते हैं. इससे जनता में उनके खिलाफ नाराजगी भी दिखाई दे रही है. बेगूसराय से इस बार पार्टी राकेश सिन्हा को टिकट दे सकती है. राकेश सिन्हा आरएसएस बैकग्राउंड से आते हैं और तेज-तर्रार वक्ता हैं. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का खुलकर विरोध भी करते हैं. शिवहर से रमा देवी का नॉन परफार्मेंश सांसद के कारण कट सकता है. पटना साहिब से इस बार अजय आलोक को मौका मिल सकता है. अजय आलोक जेडीयू छोड़कर बीजेपी में आए हैं. वहीं रविशंकर प्रसाद को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि उन्हें राज्यपाल बनाया जा सकता है.