NITI Aayog Meeting: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जब केंद्र के सामने हम ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग की या फिर जब हमने जातीय जनगणना की मांग की तो दोनों ही मांगों को केंद्र ने अनसुना कर दिया. मुख्यमंत्री के इस कदम को सम्मानजनक मानता हूं.
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पटना: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की सातवीं सरकारी परिषद की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. जिसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है. इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री का नहीं जाना सम्मानजनक कदम है. केंद्र के सामने हमने जातीय जनगणना और बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग की जिस को अनसुना किया गया. मैं सीएम के इस कदम को सम्मानजनक मानता हूं.
केंद्र कर रहा अनसुना
बता दें कि दिल्ली में नीति आयोग की बैठक की देश के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल, लेकिन इस बैठक में ना तो बिहार के मुख्यमंत्री शामिल हुए और ना ही उनका कोई प्रतिनिधि शामिल हुआ. जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं इस कदम को सम्मानजनक मानता हूं. क्योंकि जब केंद्र के सामने हम ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग की या फिर जब हमने जातीय जनगणना की मांग की तो दोनों ही मांगों को केंद्र ने अनसुना कर दिया. अब ऐसे में हम केंद्र के किसी भी बैठक में शामिल हो तो इसका कोई मतलब नहीं बनता है. इसलिए मैं मुख्यमंत्री के इस कदम को सम्मानजनक मानता हूं.
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आरसीपी सिंह को थोड़ा इंतजार करना
इसके अलावा उन्होंने जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच चल रहे जुबानी जंग को लेकर कहा कि ललन सिंह ने बिल्कुल सही कहा है. मैं उचित मानता हूं. हालांकि मुझे इसमें कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मैं इस कदम को सही मानता हूं. पार्टी में और लोगों को भी मौका मिलना चाहिए सिर्फ एक को नहीं मिलना चाहिए. आरसीपी सिंह को थोड़ा इंतजार करना चाहिए था, हो सकता है पार्टी ने उनको किसी और भूमिका में देखती हो. वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल नहीं होने पर जीतन राम मांझी ने कहा कि इसमें गलत क्या है. जब हम सरकार को समर्थन कर रहे हैं और अगर सम्मानजनक पद ना मिले तो फिर यह जरूरी नहीं है कि केंद्र सरकार में हम शामिल हो ही.