Shatavari: शतावरी सुनकर आपको समझ में नहीं आया होगा कि इसका ऐसा नाम क्यों पड़ा तो हम आपको बता दें कि इसे '100 जड़ों वाली बूटी' कहा जाता है. इसके जड़ 100 की संख्या में होते हैं. इसका एक अर्थ यह भी होता है कि 'जिसके सौ पति हों' मतलब अब आप समझ गए होंगे कि यह पौधा यौवन को बनाए रखने में इतना उपयोगी क्यों है.
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Shatavari Benefits: यूं तो औरत हो या पुरुष हर किसी की यह चाहत होती है कि वह हमेशा जवान दिखे, सुंदर दिखे और उनके चेहरे पर किसी भी अवस्था में झूर्री ना आए. इसके साथ सभी यही चाहते हैं कि उनका यौवन भी हमेशा बना रहे. उनकी यौन क्षमता में कभी कमी नहीं आए. हालांकि औरतों में सुंदर दिखने और यौन क्षमता को बेहतर रखने की चाह पुरुषों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा होती है. जबकि पुरुष उम्र बढ़ने के साथ अपने सेक्सुअल पावर को तो बेहतर रखना चाहते हैं लेकिन खूबसूरत दिखने को लेकर उनकी कोई खास इच्छा नहीं होती है. ऐसे में आयुर्वेद में एक से एक पौधे या कहें की जड़ी-बूटियां हैं जो महिलाओं को ढलती उम्र में भी जवान बनाए रखने में कारगर है.
कई रोगों से लड़ने में सक्षम है शतावरी
ये वनस्पति, पौधे या जड़ी-बूटियां भारत में बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं. शतावरी ऐसी ही ताकतवर जड़ी बूटी है जिसके इस्तेमाल से आप हमेशा यंग और ताकतवर बने रह सकते हैं. इस बूटी में कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है. यह शरीर को अंदर से मजबूत करता है और स्त्री-पुरुष दोनों की यौन क्षमता को बढ़ाता है.
शतावरी को क्यों कहा जाता है 'जिसके सौ पति हों'
शतावरी सुनकर आपको समझ में नहीं आया होगा कि इसका ऐसा नाम क्यों पड़ा तो हम आपको बता दें कि इसे '100 जड़ों वाली बूटी' कहा जाता है. इसके जड़ 100 की संख्या में होते हैं. इसका एक अर्थ यह भी होता है कि 'जिसके सौ पति हों' मतलब अब आप समझ गए होंगे कि यह पौधा यौवन को बनाए रखने में इतना उपयोगी क्यों है.
शतावरी महिला और पुरुष दोनों के लिए है खास
कहा जाता है कि यह जड़ी यानी शतावरी महिलाओं में होनेवाली मेनोपॉज, हार्मोन, प्रजनन क्षमता आदि जैसी समस्याओं का बेहतरीन इलाज प्रदान करता है. वहीं यह पुरुषों में वीर्यवर्द्धक का भी काम करता है. यह जितना महिलाओं के लिए बेहतर है उतना ही पुरुषों के लिए भी. यह पुरुषों में वीर्य को गाढ़ा करने के साथ उसमें स्पर्म काउंट को बढ़ाने का भी काम करता है. इस औषधी के जरिए महिलाओं के ब्रेस्ड मिल्क में भी बढ़ोत्तरी होती है.
वात और पित्त विकार को संतुलित करती है शतावरी
वात और पित्त को संतुलित करने में यह मीठी और कड़वी स्वाद वाली बूटी खास है. इसकी प्रकृति ठंडी होती है. ऐसे में यह मन और मस्तिष्क को ठंडा रखने का भी काम करती है. यह मांसपेशियों को भी बल प्रदान करती है. इसके सेवन से महिला पुरुष दोनों को अच्छी नींद आती है ऐसे में यह अनिंद्रा को दूर करने में भी सहायक है. यह पाचन क्रिया को भी ठीक करती है. गर्म दूध के साथ इसका सेवन सबसे बेहतर माना गया है. जिन महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ा है उनके लिए तो यह वरदान है.
पहाड़ों की संजीवनी है यह शतावरी
दरअसल भारत के पहाड़ी इलाकों में खासकर हिमालय पर यह बहुतायत में पाई जाती है और इसे यहां की संजीवनी भी कहें तो कम होगा. आयुर्वेद इसे पूर्णतः संपूर्ण शरीर के टॉनिक के रूप में मानता है.
नोट: यहां बताई गई सारी बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए है, इस औषधी के इस्तेमाल से पहले आयुर्वेद के जानकार से इस बारे में परामर्श जरूर लें.
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