आने वाला है सावन का पावन महीना, जानें कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा, कब है सावन की शिवरात्रि?
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आने वाला है सावन का पावन महीना, जानें कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा, कब है सावन की शिवरात्रि?

सावन का पावन महीना आने वाला है. सावन इस बार 4 जुलाई से शुरू हो रही है. अधिमास की वजह से इस बार दो सावन होगा. ऐसे में यह पूरा महीना 59 दिनों का होगा, मतलब 4 जुलाई से शुरू होकर सावन का महीना 31 अगस्त को समाप्त होगा. इस बार नागपंचमी का त्योहार 21 अगस्त को मनाया जाएगा.

(फाइल फोटो)

Sawan Kanwar Yatra: सावन का पावन महीना आने वाला है. सावन इस बार 4 जुलाई से शुरू हो रही है. अधिमास की वजह से इस बार दो सावन होगा. ऐसे में यह पूरा महीना 59 दिनों का होगा, मतलब 4 जुलाई से शुरू होकर सावन का महीना 31 अगस्त को समाप्त होगा. इस बार नागपंचमी का त्योहार 21 अगस्त को मनाया जाएगा. आपको बता दें कि 7 जुलाई को भी सावन कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पड़ेगी लेकिन 21 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होगी और उस दिन सोमवार भी है ऐसे में यह दिन नागपंचमी के लिए विशेष होगा. आपको बता दें कि अदिमास की वजह से कृष्ण पक्ष के 15 दिन के बाद फिर अधिमास का महीना शुरू हो जाएगा और इस एक महीने के खत्म होने के बाद शुक्ल पक्ष सावन की शुरुआत होगी. जिसकी पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त की है. 

ऐसे में कांवड़ यात्रा के बारे में जानकारी पाने वाले या इस यात्रा के लिए तैयारी करनेवालों को यह जानना जरूरी है कि यह यात्रा कब से कब तक होगी. हालांकि झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए कांवड़ तो पूरे सावन महीने तक चलता रहता है. ऐसे में सावन के पहले दिन से ही यह यात्रा शुरू हो जाती है. वहीं हरिद्वार से भी गंगाजल लेकर महादेव का जलाभिषेक करने की परंपरा है. 

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आपको बता दें कि सनातन शास्त्रों की मानें तो सावन के महीने में कांवड़ के जरिए गंगाजल लाकर भगवान शिव और मां पार्वती का अभिषेक करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है. भगवान शिव की पूजा के लिए यह विशेष महीना माना गया है. इस महीने शिवभक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा बड़े भक्ति भाव से करते हैं. 

ऐसे में 4 जुलाई से ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. वहीं सावन की शिवरात्रि के दिन 15 जुलाई को भी भगवान शिव की पूजा का विश्ष विधान है. ऐसे में कांवड़िया इस दिन अभिषेक करने को सबसे ज्यादा शुभ मानते हैं. ऐसे में शिवरात्रि का जलाभिषेक शिवलिंग पर 15 जुलाई को किया जाएगा. कांवड़ यात्रा की शुरुआत को लेकर श्रवण कुमार से लेकर समुद्र मंथन और भगवना परशुराम द्वारा शिव का अभिषेक किए जाने जैसे तमाम पौराणिक किस्से जुड़ते हैं जहां से इस यात्रा की शुरुआत मानी गई है. 
 

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