Bihar Rains: बिहार में कई जगहों पर बरसी भगवान इंद्र की मेहरबानी, किसानों के चेहरे खिले, धान की रोपाई शुरू
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Bihar Rains: बिहार में कई जगहों पर बरसी भगवान इंद्र की मेहरबानी, किसानों के चेहरे खिले, धान की रोपाई शुरू

Bihar Rains: बारिश न होने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को झेलनी पड़ रही थी. बताते चलें कि पिछले तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है और रुक-रुककर हो रही झमाझम बारिश से धान की मुरझाती फसल को संजीवनी मिल गई है.

बिहार में धोन की रोपाई

Bihar Rains: बिहार के कई इलाकों में आखिरकार भगवान इंद्र की मेहरबानी बारिश के रूप में बरसी, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे और खेतों में धान की रोपाई शुरू हो गई है. बिहार के जहानाबाद सहित कई इलाकों में पिछले तीन दिनों से हो रही रुक-रुककर बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए है. तापमान में भी गिरावट आई है और मौसम सुहावना हो गया है. 

बारिश न होने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को झेलनी पड़ रही थी. बताते चलें कि पिछले तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है और रुक-रुककर हो रही झमाझम बारिश से धान की मुरझाती फसल को संजीवनी मिल गई है. जिन इलाकों में अभी तक धान की रोपनी नहीं हो रही थी, वो भी शुरू हो गई है. फसलों की सिंचाई के लिए किसान खुद के संसाधनों पर ही निर्भर थे, लेकिन बारिश ने न केवल फसलों को जीवनदान दे दिया, बल्कि किसानों की उम्मीदों को भी पंख लगा दिए हैं. 

किसानों ने बताया कि बारिश होने से धान की फसल को फायदा पहुंचा है. अच्छी बारिश नहीं होने के कारण धान की रोपाई रुकी पड़ी थी. ऐसे में अब किसानों ने अपनी धान की फसल की रोपाई शुरू कर दी है. किसानों ने बताया कि बारिश से न लोगों को गर्मी से निजात मिली है बल्कि वाटर लेयर भी आ गया है.

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मुंगेर के इस पंचायत में गंगा नदी के कटाव से दहशत

मुंगेर सदर प्रखंड के गंगा पार दियारा इलाके के कुतलूपुर पंचायत में कटाव शुरू हो गया है. पंचायत के हरी बाबू टोला के वार्ड संख्या 4 और 6 में गंगा किनारे कटाव को देख ग्रामीण दहशत में हैं. दोनों वार्ड में लगभग 3000 हजार आबादी है जो कटाव से मात्र 80 फीट दूर है. कुतलुपुर पंचायत में कटाव को देख जिला प्रशासन द्वारा गंगा में कटाव रोधी कार्य शुरू की गई थी लेकिन तीन दिनों से हो रही बारिश के कार्य बंद है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण इस इलाके में फिर से कटाव जारी हो गया है, जिसके कारण ग्रामीण दहशत में हैं. वही कटाव के कारण खेती की जमीन गंगा में समा रही है, जिसे देख ग्रामीण परेशान है.

जहानाबाद से मुकेश कुमार और मुंगेर से प्रशांत कुमार की रिपोर्ट

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