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बिहार में अब केवल 10 रुपये खर्च करके जमीन के ऑनलाइन दस्तावेज और अन्य अभिलेख देखे जा सकते हैं. इतना ही नहीं, अब डिजिटल हस्ताक्षरित दस्तावेजों को डाउनलोड भी किया जा सकता है. राजस्व और भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने इस सुविधा की शुरुआत की.
किसानों और रैयतों का काफी समय बचेगा
विभाग की ओर से रैयतों को छह माह पहले से मानचित्रों की ऑनलाइन उपलब्धता और होम डिलीवरी की जा रही है. अब किसानों और रैयतों के दस्तावेजों को ऑनलाइन किए जाने से उनके समय में काफी बचत होगी और विभाग के काम में भी काफी सुधार आएगा.
38 में 28 जिलों में चल रहा तेजी से काम
इसके लिए बाकायदा इंटीग्रेटेड लैंड रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की गई है. इससे सिंगल विंडो के तहत विभाग की सभी योजनाओं और दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी ली जा सकेगी. अब आम आदमी को डिजिटल हस्ताक्षरित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए राज्य भर में ऑनलाइन स्कैनिंग का काम किया जा रहा है. अभी राज्य के 38 में से 28 जिलों में इस पर तेजी से काम चल रहा है.
15 करोड़ में से 1.30 करोड़ दस्तावेजों की स्कैनिंग पूरी
बताया जा रहा है कि बिहार में राजस्व दस्तावेजों की संख्या करीब 15 करोड़ हैं और 1.30 करोड़ दस्तावेजों की स्केनिंग और डिजिटाइजेशन का काम हो चुका है. बाकी दस्तावेजों के बारे में कहा जा रहा है कि आने वाले एक से डेढ़ साल में इसे भी पूरा किया जा सकेगा. यह भी बताया जा रहा है कि दस्तावेजों को डेटा मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए संरक्षित किया जाएगा और इसके लिए प्रोफेशनल्स की मदद ली जा रही है.