Chhath Puja 2023: बिहार की राजधानी पटना के सभी गंगा घाट छठ की अर्ध्य के लिए तैयार हो चुके हैं. कई घाटों पर अभी से ही भीड़ देखी जा रही है. लोग गंगा घाट से जल घर ले जाने में जुटे हैं.
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Chhath Puja 2023: लोक आस्था के महापर्व छठ का आज यानी सोमवार (20 नवंबर) को अंतिम दिन है. बस कुछ वक्त बाद ही उगते सूर्य को अर्घ्य देते ही छठ पूजा संपन्न हो जाएगी. सभी भक्त सूर्य देवता का इंतजार कर रहे हैं. छठ का पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह कठिन व्रत संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है.
उषा अर्घ्य का मुहूर्त
बिहार की राजधानी पटना के सभी गंगा घाट छठ की अर्ध्य के लिए तैयार हो चुके हैं. कई घाटों पर अभी से ही भीड़ देखी जा रही है. लोग गंगा घाट से जल घर ले जाने में जुटे हैं. शाम को डूबते सूर्य को अर्ध्य देते समय सूप पर छठ का मुख्य प्रसाद ठेकुआ रखा जाता है. इसको लेकर महिलाएं रविवार सुबह से ही ठेकुआ बनाती दिखीं. ऊषा अर्घ्य 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को दिया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, 20 नवंबर को सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर रहेगा.
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सभी शहरों में सूर्योदय का टाइम
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अर्घ्य के दिन इन बातों का रखें ध्यान
सूर्य देव को अर्घ्य देते समय अपना चेहरा हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही रखें. सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए हमेशा तांबे के पात्र का ही प्रयोग करें. सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल के पात्र को हमेशा दोनों हाथों से पकड़े. सूर्य को अर्घ्य देते समय पानी की धार पर पड़ रही किरणों को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है. अर्घ्य देते समय पात्र में अक्षत और लाल रंग का फूल डालना न भूलें.