Bihar Bridge Collapse: ढहते पुलों की संख्या देख एक्शन में नीतीश सरकार, अब तक 17 इंजीनियर सस्पेंड
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Bihar Bridge Collapse: ढहते पुलों की संख्या देख एक्शन में नीतीश सरकार, अब तक 17 इंजीनियर सस्पेंड

Bihar Bridge Collapse Action: बिहार में पुल गिरने की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. बिहार में ढहते पुलों की संख्या को देखते हुए नीतीश सरकार ने अब तक 17 इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा संबंधित विभाग अन्य जिलों के पुलों की जांच कर रहे है कि ताकि भविष्य में किसी प्रकार की घटना ना हो.

Bihar Bridge Collapse: ढहते पुलों की संख्या देख एक्शन में नीतीश सरकार, अब तक 17 इंजीनियर सस्पेंड

पटना: बिहार में पुल गिरने के मामलों में नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. एक साथ 17 इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया है और बाकी ध्वस्त पुलों की जांच जारी है. सस्पेंड किए गए इंजीनियर जल संसाधन और ग्रामीण कार्य विभाग से हैं. पिछले 17 दिनों में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में कुल 10 पुल गिर गए हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि जल संसाधन विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के 17 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि जिन पुलों के ध्वस्त होने की घटना हुई है, वे सिवान और सारण जिलों में छाडी गंडकी नदी पर बने थे. लापरवाही के कारण 11 इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया है. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि पुलों को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सावधानी नहीं बरती गई और न ही समुचित तकनीकी निरीक्षण किया गया. उन्होंने कहा कि इन पुलों के ध्वस्त होने के बाद नए पुलों के निर्माण के लिए शीघ्र ही अनुमोदन और एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश बिहार राज्य पुल निर्माण निगम पटना को दिए गए हैं. क्षतिग्रस्त पुलों की जगह नए पुलों का निर्माण कार्यदायी एजेंसी के रिस्क और कॉस्ट पर किया जाएगा.

इसी के साथ ही ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक सिंह ने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग के 6 इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया है, जिनमें से दो इंजीनियर पहले से ही निलंबित थे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग के तीन पुल ध्वस्त हुए हैं. पहला पुल अररिया में, दूसरा मोतिहारी के घोड़ासहन में और तीसरा मधुबनी में गिरा. अररिया में गिरे पुल की जांच के लिए विभाग ने चार सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि सरकार पुलों के गिरने की घटनाओं को गंभीरता से ले रही है और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. पुलों की सुरक्षा और निर्माण में लापरवाही बरतने वालों को अब कड़ी सजा दी जा रही है. इसके साथ ही नए पुलों के निर्माण के लिए तत्परता से कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.

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