बिहार और झारखंड में ठंड के साथ शुरू हुई बेघरों की मुश्किलें, जानें प्रशासन के क्या है इंतजाम
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बिहार और झारखंड में ठंड के साथ शुरू हुई बेघरों की मुश्किलें, जानें प्रशासन के क्या है इंतजाम

हर साल ठंड आती है, सरकार लोगों की सुविधा के लिए हर संभव व्यवस्था करती है, लेकिन कई जिले ऐसे होते है जहां प्रशासन की ओर से समय पर मदद नहीं पहुंच पाती है. विभागीय लापरवाही के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पता है.

बिहार और झारखंड में ठंड के साथ शुरू हुई बेघरों की मुश्किलें, जानें प्रशासन के क्या है इंतजाम

पटना: बिहार और झारखंड में ठंक की दस्तक के साथ फुटपाथ पर बसेरा करने वाले बेघरों की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. दोनों ही राज्यों में फुटपाथ पर गुजारा करने वाले लोग अपने परिवार के साथ खुले आसमान में ठिठुरने को मजबूर है. इन लोगों की तरफ ना तो प्रशासन का ध्यान है और ना ही सरकार का कोई ध्यान है. बता दें आने वाले दिनों में ठंड ओर बढ़ेगी अगर समय रहते हुए प्रशासन ने इन लोगों की व्यवस्था नहीं की तो बेघरों की परेशानियां बढ़ सकती है.

सड़कों पर रात गुजार रहे लोग
बता दें कि हर साल ठंड आती है, सरकार लोगों की सुविधा के लिए हर संभव व्यवस्था करती है, लेकिन कई जिले ऐसे होते है जहां प्रशासन की ओर से समय पर मदद नहीं पहुंच पाती है. विभागीय लापरवाही के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पता है. जिले में कई ऐसी जगह है जहां लोग  फुटपाथ के ऊपर, सड़क किनारे प्लास्टिक के बोरे या फिर चटाई बिछाकर खुद को किसी तरह गुजारा करते है. ऐसे जब प्रशासन इन लोगों की मदद नहीं करता है तो  सामाजिक संस्थाएं ऐसे लोगों की मदद के लिए सड़क पर उतरती है और कंबल व कपड़ों को वितरण कर ठंड से लोगों को बचाने का कार्य करती है.

रैन बसेरा में सुविधा का है अभाव
बता दें कि जिले में कई रैन बसेरा ऐसा है जहां सुविधा का अभाव है. कई बसेरा तो ऐसा है कि जहां पानी तक की व्यवस्था नहीं है. चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. हाल ऐसा है कि अगर लोग ठंड से किसी तरह बच गए , लेकिन बीमार होने से नहीं बच सकते है. कई रैन बसेरा तो ऐसे होते है जहां लाइट तक नहीं है, लोगों को अंधेरा में ही गुजारा करना पड़ता है. इसके अलावा बता दें कि कई रैन बसेरा ऐसा है जहां बैड तो है लेकिन उन पर बिछाने के लिए  गद्दे या चादर तक नहीं है.

बुजुर्गों को होती सबसे ज्यादा परेशान
बता दें कि ठंड के समय बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फुटपाथ पर सबसे ज्यादा सोने वालों में बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा है.लोग जैसे-तैसे अपना गुजारा कर रहे हैं. लोग का कहना है कि कई बार प्रशासन से मदद की गुहार लगा चुके है लेकिन जरूरत के समय कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है.

ठंड को लेकर प्रशासन अलर्ट
दोनों राज्यों में ठंड के बढ़ते कहर के चलते प्रशासन की टीम भी अलर्ट हो गई है. जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रैन बसेरा की लिस्ट तैयार की जा रही है. हमारा प्रयास बेघरों को सुरक्षित जगह पर ठंड से बचाना है. बेघरों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. 

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