Modi Cabinet 3.0: बिहार-झारखंड के मंत्रियों को कितने लाख करोड़ का मंत्रालय मिला, देखें अपने प्रदेश को कितना लाभ दे सकेंगे मंत्रीजी?
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Modi Cabinet 3.0: बिहार-झारखंड के मंत्रियों को कितने लाख करोड़ का मंत्रालय मिला, देखें अपने प्रदेश को कितना लाभ दे सकेंगे मंत्रीजी?

Modi Cabinet 3.0: बिहार में नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने एक बार फिर से बिहार के साथ भेदभाव किया है. उधर झारखंड में सत्ता पक्ष में ही घमासान मचा हुआ है. मोदी कैबिनेट में हिस्सा में नहीं मिलने से झारखंड में बीजेपी की सहयोगी आजसू (AJSU) नाराज हो गई. 

मोदी सरकार 3.0

Modi Cabinet 3.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के 24 घंटे के अंदर ही अपने मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया. हालांकि इस पर भी अब राजनीति हो रही है. विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही अब मंत्रियों को मिले विभागों की विवेचना में लगे हैं. इसको लेकर बिहार और झारखंड का सियासी पार कुछ ज्यादा ही चढ़ा हुआ नजर आ रहा है. बिहार में विपक्षी इसे प्रदेश का अपमान बता रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने एक बार फिर से बिहार के साथ भेदभाव किया है. उन्होंने कहा कि बिहार के नेताओं को झुनझुना थमा दिया. उधर झारखंड में सत्ता पक्ष में ही घमासान मचा हुआ है. मोदी कैबिनेट में हिस्सा में नहीं मिलने से झारखंड में बीजेपी की सहयोगी आजसू (AJSU) नाराज हो गई. आइए देखते हैं किसे कौन सा मंत्रालय मिला और उसका बजट कितना होता है?

बिहार के मंत्रियों को मिला विभाग

सबसे पहले बिहार की बात करते हैं तो इस प्रदेश से 8 सासंदों को मंत्री बनाया गया है. जिनमें से गिरिराज सिंह लगातार तीसरी बार और नित्यानंद राय लगातार दूसरी बार मंत्री बने हैं. इनके अलावा सतीश चंद्र दुबे,राजभूषण चौधरी, ललन सिंह, रामनाथ ठाकुर, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भी मंत्री बनाया गया है.

मंत्री का नाम मंत्रालय पिछले साल का बजट 
नित्यानंद राय (BJP) गृह मंत्रालय (राज्य मंत्री) 2.71 लाख करोड़
गिरिराज सिंह (BJP) कपड़ा मंत्रालय 56.80 करोड़ रुपये 
सतीश चंद्र दुबे (BJP) कोयला और खनन मंत्रालय (राज्य मंत्री) 56 हजार करोड़
राज भूषण चौधरी (BJP) जलशक्ति मंत्रालय (राज्य मंत्री)  98 हजार करोड़ रुपये
जीतन राम मांझी (HAM) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय 22 हजार करोड़ रुपये
चिराग पासवान (LJPR) खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय 3,290 करोड़ रुपये
रामनाथ ठाकुर (JDU) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (राज्य मंत्री)  1.27 लाख करोड़ रुपये
ललन सिंह (JDU)

1. पंचायती राज मंत्रालय, 2. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

पंचायती राज- 76 करोड़ रुपये, मत्स्य - 2584.50 करोड़ रुपये, पशुपालन और डेयरी विभाग को ₹ 4,521 करोड़ रुपये

     

किस मंत्रालय की कितनी हनक?

विपक्ष तो कह रहा है कि मंत्रियों को सिर्फ बंगला और गाड़ी मिलेगी. इसके अलावा मंत्री पद की सैलरी अन्य सुविधाओं का उपभोग करेंगे, लेकिन उन्हें ऐसा कोई मंत्रालय नहीं मिला जिससे वे अपने प्रदेश का भी विकास कर सकें. इस खबर में हम विपक्ष के आरोपों का विश्लेषण कर रहे हैं. पहले बात करते हैं जेडीयू कोटे के मंत्रियों को मिले विभागों की. तो ललन सिंह के खाते में मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय आया है. इसके अलावा उन्हें पंचायती राज मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है. वरिष्ठ पत्रकार सुनील मिश्रा कहते हैं कि यह दोनों ऐसे विभाग हैं जो बिहार जैसे प्रदेश के लिए बहुत ही कारगर साबित हो सकते हैं. बिहार जो की एक कृषि प्रधान प्रदेश है वहां पर मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी विभाग की अपार संभावनाएं हैं. इसके जरिए स्वरोजगार के नए अवसर पैदा किया जा सकते हैं, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सकता है. जब यह मंत्रालय गिरिराज सिंह के पास था तो उन्होंने काफी काम किया था.

ललन सिंह को पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी मिली है. यह नीतीश कुमार का पसंदीदा विभाग बताया जाता है. नीतीश कुमार ने ही बिहार में पंचायतों के अंदर महिलाओं को 50 फीसदी की हिस्सेदारी थी. ललन सिंह भी कुछ ऐसा ही कार्य कर सकते हैं. रामनाथ ठाकुर को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. भारत एक कृषि प्रधान देश है और बिहार भी खेती-किसानी के लिए जाना जाता है. इस मंत्रालय के जरिए बिहार में नहरों आदि का निर्माण करके बाढ़ और सूखे दोनों समस्या को समाप्त किया जा सकता है. हालांकि, राज्य मंत्री के पास करने के लिए ज्यादा काम नहीं होता है. वह मंत्री के दिशा-निर्देश पर ही काम करता है. अब बात चिराग पासवान को मिले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की करते हैं. इस मंत्रालय के जरिए देश की 80 करोड़ जनता को कोरोनाकाल से मुफ्त राशन मिल रहा है. पीएम मोदी ने इसे आगे भी जारी रखने का ऐलान किया था. चिराग इसी तरह की अन्य योजनाएं ला सकते हैं, जिससे बिहार की गरीब जनता का कल्याण किया जा सके. 

जीतन राम मांझी को MSME की जिम्मेदारी मिली है. पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने और बिहार के युवाओं को रोजगार दिलाने में यह मंत्रालय अहम रोल निभा सकता है. मांझी चाहें तो इस मंत्रालय के जरिए अपनी अलग पहचान बना सकते हैं. राजभूषण चौधरी को जलशक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. वह बिहार को बाढ़ से निजात दिला सकते हैं. अगर ऐसा करने का प्रयास भी किया तो यह उनकी बड़ी उपलब्धि होगी. सतीश चंद्र दुबे को कोयला और खनन विभाग में राज्य मंत्री बनाया गया है. बिहार में कोयला का खास उत्पादन नहीं होता है, लिहाजा वह अपने प्रदेश के लिए कुछ खास नहीं कर पाएंगे. 

वहीं गिरिराज सिंह को इस बार कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने जिस तरह से मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी में काम किया था, वैसा ही इस विभाग में करके बिहार को अच्छा खासा लाभ दिला सकते हैं. नित्यानंद राय को इस बार भी गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. गृह मंत्रालय का महत्व और उसका दायरा बताने की जरूरत नहीं है. ज्यादातर यह मंत्रालय काफी वरिष्ठ राजनेताओं को मिलता है. नित्यानंद को अमित शाह के निर्देशन में काम करना है. मंत्रालय काफी अहम है, लेकिन बिहार के कुछ नया और कुछ स्पेशल करने में कोई भूमिका नहीं निभा सकते.

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झारखंड को क्या मिला?

झारखंड के हिस्से दो मंत्रालय आया है. कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी को महिला और बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है.  सियासी जानकारों का कहना है कि यह मंत्रालय ऐसा नहीं है कि आपको बहुत बड़ी लकीर खींचने की ताकत दे. इस मंत्रालय का काम आपको जमीन पर दिखाई नहीं देता. हालांकि इसके बाद भी अन्नपूर्णा देवी इस मंत्रालय के जरिए अपने प्रदेश झारखंड के लिए बहुत कुछ कर सकती हैं. उम्मीद है कि महिला और बाल विकास मंत्रालय से वह अपने प्रदेश की महिलाओं और बच्चों के लिए कुछ ऐसा कर गुजरेंगी कि लोग आने वाले वक्त में उन्हें याद रखें. पिछले साल इस मंत्रालय के बजट में 2.52 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए 26 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. 

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झारखंड से दूसरा नाम संजय सेठ का है. इन्हें रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. पिछले साल इस मंत्रालय को 6.21 लाख करोड़ रुपये का आवंटित हुए थे. हालांकि ये भी ऐसा मंत्रालय है, जिसमें आप अपने प्रदेश के लिए कुछ खास नहीं कर सकते. लोगों का कहना है कि रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री बनकर सिर्फ आप मंत्री वाली गाड़ी में घूम सकते हैं, बाकी करने के लिए कोई काम नहीं होता है. 

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