Bihar News: दहेज हत्या में जेल में बंद है पति, 34 महीने बाद पत्नी को जिंदा देख पुलिस भी हैरान, पढ़ें हैरान करने वाली स्टोरी
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Bihar News: दहेज हत्या में जेल में बंद है पति, 34 महीने बाद पत्नी को जिंदा देख पुलिस भी हैरान, पढ़ें हैरान करने वाली स्टोरी

Gopalganj News: पति सुनील चौहान पिछले 34 महीने से जेल में बंद हैं. पीड़ित पति की मां (महिला की सास) आशा देवी भी 7 महीने की जेल काट चुकी हैं. अब महिला लता देवी जिंदा निकली और बलिया में अपने आशिक के साथ पाई गई है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Gopalganj News: बिहार के गोपालगंज से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक युवक अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में पिछले 34 महीनों से जेल में बंद है, अब वह महिला जिंदा बरामद हुई है. यह पूरा मामला नगर थाना क्षेत्र के अरार मोहल्ले का है. महिला को जिंदा पाकर पुलिस भी हैरान हो गई. पुलिस ने महिला को यूपी के बलिया से बरामद किया है. बलिया में वह अपने प्रेमी के साथ रह रही थी. पुलिस अब उसे (महिला को) हिरासत में लेकर वापस गोपालगंज ले आई और कोर्ट में पेश किया. यह पूरा मामला 'पति-पत्नी और वो' से शुरू हुआ. महिला के मैरिटल अफेयर से उसके पति की जिंदगी बर्बाद हो गई. युवक का पूरे परिवार को परेशानी झेलनी पड़ी. 

दरअसल, बरौली थाना क्षेत्र के नधना गांव निवासी लता देवी की शादी नगर थाने के अरार मोहल्ले में वार्ड नंबर-28 निवासी सुनील चौहान के साथ हुई थी. शादी के बाद दो बेटियां हुईं. शादी के कुछ वर्षों बाद पति-पत्नी में झगड़े शुरू हो गए और 2016 में लता देवी ने पति समेत ससुराल वालों पर प्रताड़ना का केस कर दिया. बाद में समझौता होने पर महिला फिर से ससुराल में आकर रहने लगी. कोरोनाकाल में ही महिला अचानक से गायब हो गई. जिसके बाद उसके मायकेवालों ने पति समेत ससुराल वालों पर दहेज हत्या का मुकदमा कर दिया. लता देवी के भाई चंद्रभूषण प्रसाद ने 25 जुलाई 2021 को ससुरालवालों पर दहेज हत्या के बाद शव जला देने का आरोप लगाया. 

इस केस में महिला के पति सुनील चौहान, देवर धर्मराज प्रसाद, देवराज चौहान, राहुल चौहान, सास आशा देवी समेत पांच को लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. इसी केस में पति सुनील चौहान पिछले 34 महीने से जेल में बंद हैं. पीड़ित पति की मां (महिला की सास) आशा देवी भी 7 महीने की जेल काट चुकी हैं. अब महिला लता देवी जिंदा निकली और बलिया में अपने आशिक के साथ पाई गई है. महिला ने बताया कि ससुराल में यातनाएं मिलने पर वह घर छोड़कर स्टेशन भाग गई, जहां बलिया के नागेंद्र सहनी ने सहारा दिया और वो अपने घर लेकर चला गया. चार महीने के बाद उससे शादी कर ली. दोनों पति-पत्नी के रूप में बलिया में रहने लगे थे. अब पीड़ित ससुराल पक्ष के अधिवक्ता राजेश पाठक ने कहा कि महिला और उसके भाई ने कानून को गुमराह किया है. महिला और शिकायतकर्ता दोनों पर अब केस चलेगा. 

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