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Dhanbad: झारखंड के धनबाद जिले में पिछले दो महीनों में मिजिल्स-रूबेला से चार बच्चों की मौत हो गई है. जिले में 40 से ज्यादा बच्चे इससे आक्रांत हैं. ये सभी मामले धनबाद के ग्रामीण इलाकों के हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. प्रभावित इलाकों में विशेष अभियान चलाने के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है.
जिलें में बढ़ रहे हैं मामला
स्वास्थ्य विभाग ने माना है कि धनबाद जिले के गोविंदपुर में दो और निरसा एवं टुंडी में एक-एक बच्चे की मौत मिजिल्स-रूबेला के चलते हुई है. सबसे ज्यादा प्रकोप गोविंदपुर प्रखंड में दिख रहा है. यहां 22 ऐसे बच्चे चिन्हित किए गए हैं, जो मिजिल्स-रूबेला से पीड़ित हैं. इसी तरह निरसा में आठ, टुंडी में चार और झरिया में तीन बच्चे इससे पीड़ित हैं. मरीजों की संख्या और बढ़ी तो पूरा जिला रेड जोन घोषित किया जा सकता है. फिलहाल इसे येलो जोन में रखा गया है.
टीकाकरण अभियान में लाई गई तेजी
विशेषज्ञों के अनुसार मिजिल्स और रूबेला के टीके के दो डोज 9 से 15 माह की उम्र तक के बच्चों को दिये जाते हैं. टीके से वंचित रह गये बच्चों में यह बीमारी होने की आशंका होती है. जिले के सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने कहा है कि विभिन्न इलाकों से आ रही शिकायतों को देखते हुए टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये जा रहे हैं.
जानें क्या है लक्षण
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ जितेंद्र कुमार बताते हैं कि बच्चों के शरीर पर छोटे-छोटे दाने या चकत्ते निकलने के साथ दस्त, सिर दर्द, खांसी, आंखें लाल होना और बुखार इसके प्रमुख लक्षण होते हैं. ऐसे लक्षण सामने आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. घरेलू और परंपरागत उपचार पर भरोसा करना घातक हो सकता है. सबसे बेहतर उपाय है समय रहते टीकाकरण.जिन बच्चों का समय पर टीकाकरण नहीं हो पाया है,उनका पांच साल की अवधि तक में एक माह में दो टीका दिया जाना चाहिए.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021-22 में जिले के बाघमारा, बलियापुर, धनबाद सदर, गोविंदपुर, झरिया, निरसा, तोपचांची व टुंडी ब्लॉक में 72,327 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित था. इनमें से 48,459 बच्चों को मिजिल्स का टीका दिया गया. करीब 23,868 बच्चे मिजिल्स टीकाकरण से छूट गये. वर्ष 2018 में राज्य भर में टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया गया था. इसमें धनबाद जिले में मात्र 40 प्रतिशत टीकाकरण ही हो पाया था.
(इनपुट:आईएएनएस)