Darbhanga violence: बिहार में केंद्र की चिट्ठी से लहक उठी 'आग', जानें पूरा मामला
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Darbhanga violence: बिहार में केंद्र की चिट्ठी से लहक उठी 'आग', जानें पूरा मामला

 Darbhanga violence: सत्ताधारी गठबंधन की जेडीयू का आरोप है कि केंद्र सरकार बिहार के सियासी मामलों में दखल दे रही है. केंद्र मणिपुर की समस्या से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहा है. 

Darbhanga violence: बिहार में केंद्र की चिट्ठी से लहक उठी 'आग', जानें पूरा मामला

दरभंगा: Darbhanga violence: केंद्र गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से दरभंगा हिंसा लेकर रिपोर्ट तलब कर ली है. केंद्र मंत्रालय के इस कदम से बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है. बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन को यह बात नागवार गुजरी है कि केंद्र दरभंगा हिंसा पर फिर से रिपोर्ट मांग रहा है. बता दें दरभंगा के कमतौल थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव में दलित समुदाय के एक व्यक्ति की मौत के बाद शव को ना केवल जलाने से रोका था, बल्कि वायरल हो रहे वीडियो में 100 लोगों को डंडे मारते हुए भी दिखाया गया था. इस तरह का आरोप अल्पसंख्याक समुदाय पर लगा था. इसी मामले को लेकर केंद्र ने बिहार सरकार से जवाब तलब किया है. 

जेडीयू का आरोप मणिपुर मामले से ध्यान भटका रही केंद्र
इस तरह अब दरभंगा हिस्सा पर केंद्र और बिहार सरकार आमने सामने आ गई है. सत्ताधारी गठबंधन की जेडीयू का आरोप है कि केंद्र सरकार बिहार के सियासी मामलों में दखल दे रही है. केंद्र मणिपुर की समस्या से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहा है. 

अल्पसंख्यक समुदाय अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को कर रहा मजबूर 
केंद्र ने अपने पत्र में लिखा है कि पैतृक श्मशान भूमि पासवान समुदाय की है, जहां वे हिंदू रीति रिवाज के साथ दाह-संस्कार करते हैं. इस हंगामे के बाद पासवान समुदाय के लोग क्षतिग्रस्त हो थे. इस हादसे के दौरान कई पुलिस कर्मचारी भी घायल हो गए थे. इसके अलावा इनके कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे. बिहार से यह जानकारी मिली है कि अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को मजबूर करने के साथ धमकी दी जा रही है. 

क्या था पूरा मामला
बता दें कि कमतौल थाना क्षेत्र में श्मशान घाट को लेकर विवाद हुआ था. जहां एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी. उसको जलाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुई थी. वहां पर थानाध्यक्ष, अंचल निरीक्षक एवं आरओ सिंहवाड़ा मिलकर मामला को सुलझा लिए थे. कहां पर बॉडी को डिस्पोजल करना है. लेकिन कुछ उपद्रवी तत्वों ने अंधेरे का लाभ लेकर पत्थरबाजी की, हंगामा किया, भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश की. फिर दोनों तरफ से पत्थरबाजी होने लगी. वहां पर जब हम लोग अन्य पदाधिकारियों के साथ गए तो गांव वाले ने कुछ गाड़ियों को ईंट ,पत्थर से नुकसान पहुंचाया. कुछ पुलिस के जवान एवं पदाधिकारी को भी चोटें आई है.

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